भजन संहिता 22:14-18

भजन संहिता 22:14-18 HINCLBSI

मैं जल के सदृश उण्‍डेला गया हूँ; मेरी अस्‍थियाँ जोड़ से उखड़ गई हैं; मेरा हृदय मोम-सा बन गया है; वह मेरी छाती के भीतर पिघल गया है। मेरा कंठ ठीकरे के समान सूख गया है और मेरी जीभ तालू से चिपक गई है; तू मुझे मृत्‍यु की धूल में मिला रहा है। कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की भीड़ ने चारों ओर घेरा डाला है; उन्‍होंने मेरे हाथ-पैर बेध डाले हैं। मैं अपनी एक-एक हड्डी गिन सकता हूँ। वे घूरते हुए मुझ पर दृष्‍टि डालते हैं। उन्‍होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिए, और मेरे वस्‍त्र पर चिट्ठी डाली।

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