भजन संहिता 146:5-10

भजन संहिता 146:5-10 HINCLBSI

धन्‍य है वह मनुष्‍य, जिसका सहायक इस्राएल का परमेश्‍वर है, जो अपने प्रभु परमेश्‍वर पर आशा करता है। वही प्रभु आकाश, पृथ्‍वी और सागर का एवं सबका सृजक है, जो उनमें हैं। प्रभु सदा के लिए सत्‍य का रक्षक है; वह दलितों को न्‍याय दिलाता है; और भूखों को रोटी देता है। निस्‍सन्‍देह, प्रभु बन्‍दियों को छुड़ाता है। वह अन्‍धों को दृष्‍टि देता है। प्रभु झुके हुओं को उठाता है; प्रभु अपने भक्‍तों से प्रेम करता है। प्रभु परदेशी का रक्षक है, वह अनाथ एवं विधवा का सहारा है; पर वह दुर्जनों के मार्ग को कुटिल बनाता है। ओ सियोन, तेरा प्रभु परमेश्‍वर पीढ़ी से पीढ़ी तक सदा राज्‍य करता है। प्रभु की स्‍तुति करो!