भजन संहिता 144:12-15

भजन संहिता 144:12-15 HINCLBSI

हमारे पुत्र अपनी युवावस्‍था में पूर्ण विकसित पौधों के सदृश हों, हमारी पुत्रियाँ उन स्‍तम्‍भों के समान बनें, जो महल के ढांचे के लिए तराशे गये हैं। हमारे भण्‍डार-गृह प्रत्‍येक प्रकार की उपज से भरे रहें, हमारी चरागाहों में हमारी भेड़ें हजारों-हजार गुना बढ़ जाएँ; हमारे पशु खूब मोटे-ताजे हों, हमारे नगर की दीवारों में दरार न पड़े, हमारा युद्ध में जाना न हो, हमारे नगर-चौकों पर रोने का स्‍वर सुनाई न दे! ऐसी सुख-समृद्धि की दशा में रहनेवाले लोग धन्‍य हैं! धन्‍य हैं वे जिनका परमेश्‍वर प्रभु है!

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