ओ प्रभु के भक्त! तू धन्य है, तू प्रभु के मार्ग पर चलता है! तू अपने हाथ के परिश्रम का फल खाएगा; तू सुखी होगा, तेरा भला होगा। तेरे घर की जनानी ड्योढ़ी में तेरी पत्नी फलवन्त अंगूर-बेल के सदृश बनेगी; तेरी चौकी के चारों ओर जैतून के अंकुरों के समान तेरे बाल-बच्चे होंगे। देखो, जो व्यक्ति प्रभु का भक्त है, वह यह आशिष पाएगा।
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