भजन संहिता 116:12-19

भजन संहिता 116:12-19 HINCLBSI

जो उपकार प्रभु ने मुझ पर किए हैं, उनका बदला किस प्रकार दूं? मैं उद्धार का पात्र उठाकर प्रभु के नाम से आराधना करूंगा; प्रभु के लोगों के सम्‍मुख मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्‍त मन्नतें पूरी करूंगा। प्रभु के संतों की मृत्‍यु प्रभु की दृष्‍टि में मूल्‍यवान है। हे प्रभु, मैं तेरा सेवक हूं मैं तेरा सेवक, तेरी सेविका की संतति हूं। तूने मेरे बंधन खोल दिए हैं। मैं तुझको स्‍तुति-बलि चढ़ाऊंगा, और प्रभु, तेरे नाम से आराधना करूंगा। प्रभु की प्रजा के समक्ष, प्रभु के घर के आंगन में, ओ यरूशलेम, तेरे मध्‍य मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्‍त मन्नतें पूरी करूंगा। प्रभु की स्‍तुति करो!