भजन संहिता 107:23-32

भजन संहिता 107:23-32 HINCLBSI

कुछ जलयानों में समुद्र पर गए थे, वे महासागर में व्‍यापार करते थे। उन्‍होंने प्रभु के कार्यों को, गहरे सागर में किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों को देखा। प्रभु ने आज्ञा दी, और तूफान आ गया, जिसने लहरों को उठा दिया। जलयान आकाश तक ऊंचे उठ जाते, और फिर सागर की गहराइयों में नीचे आ जाते थे; संकट के कारण उनके प्राण पलायन करने लगे थे। वे लुढ़कते थे, शराबी के समान लड़खड़ाते थे, और उनकी बुद्धि नष्‍ट हो चुकी थी! तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया। प्रभु ने तूफान को शान्‍त किया, और सागर की लहरें स्‍थिर हो गई। तब वे आनन्‍दित हुए, क्‍योंकि उन्‍हें शान्‍ति मिली; प्रभु ने उन्‍हें उनके बन्‍दरस्‍थान तक पहुंचा दिया, जहां वे जाना चाहते थे। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए, वे उसकी सराहना करें। वे लोगों की मण्‍डली में उसकी अत्‍यधिक प्रशंसा करें, धर्मवृद्धों की सभा में उसकी स्‍तुति करें!