भजन संहिता 103:1-8

भजन संहिता 103:1-8 HINCLBSI

ओ मेरे प्राण, प्रभु को धन्‍य कह; मेरे अन्‍तर का सर्वस्‍व उसके पवित्र नाम को धन्‍य कहे! ओ मेरे प्राण, उस प्रभु को धन्‍य कह, और उसके समस्‍त उपकारों को न भूल, जो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता है, जो तेरे समस्‍त रोगों को स्‍वस्‍थ करता है, जो तेरे जीवन को कबर से मुक्‍त करता है, जो तुझे करुणा और अनुकम्‍पा से सुशोभित करता है, जो जीवन भर तुझे भली वस्‍तुओं से तृप्‍त करता है, जिससे तेरा यौवन गरुड़ के सदृश गतिवान हो जाता है। प्रभु समस्‍त दलितों के लिए, मुक्‍ति और न्‍याय के कार्य करता है। उसने मूसा पर अपने मार्ग, और इस्राएल की सन्‍तान पर अपने कार्य प्रकट किए। प्रभु दयालु और कृपालु है, वह विलम्‍ब-क्रोधी और करुणामय है