नीतिवचन 4:18-19
नीतिवचन 4:18-19 HINCLBSI
धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है। पर दुर्जनों का मार्ग घोर अन्धकारमय है, वे नहीं जानते कि किससे ठोकर खा रहे हैं।
धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है। पर दुर्जनों का मार्ग घोर अन्धकारमय है, वे नहीं जानते कि किससे ठोकर खा रहे हैं।