जो मनुष्य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्तु अपने अपराध को स्वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्य पर परमेश्वर दया करता है। धन्य है वह मनुष्य जो प्रभु की भक्ति सदा करता है; पर प्रभु के प्रति अपने हृदय को कठोर बनानेवाला मनुष्य विपत्ति के गड्ढे में गिरता है। गरीब जनता पर शासन करनेवाला दुर्जन मानो दहाड़ता हुआ सिंह है, मानो शिकार का भूखा रीछ है। जिस शासक में समझ नहीं है, वह निर्दय अत्याचारी बन जाता है; जो अन्याय के धन से घृणा करता है, वह दीर्घ आयु पाता है। यदि किसी मनुष्य ने दूसरे की हत्या की है, तो वह मृत्यु पर्यन्त यहां वहां मारा-मारा फिरे; कोई भी व्यक्ति उसकी सहायता न करे। निष्कपट आचरण करनेवाला मनुष्य निस्सन्देह बचाया जाएगा; किन्तु कुमार्ग पर चलनेवाला व्यक्ति पतन के गड्ढे में गिरेगा।
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