नीतिवचन 20:11-17

नीतिवचन 20:11-17 HINCLBSI

बच्‍चा भी अपने कामों से पहचाना जाता है कि उसका आचरण कैसा है, भला अथवा बुरा। कान जो सुनते हैं, आंखें जो देखती हैं, दोनों को प्रभु ने बनाया है। नींद को प्‍यार मत करो, अन्‍यथा तुम गरीब हो जाओगे; आंखें खोलकर कठोर परिश्रम करो तो तुम्‍हें रोटी का अभाव न होगा। मोल लेते समय खरीदार कहता है, “वस्‍तु अच्‍छी नहीं है।” पर कम कीमत पर वस्‍तु खरीद लेने के बाद वह शेखी मारता है। मनुष्‍य के पास बहुत सोना और मणि हो सकते हैं, परन्‍तु बुद्धिमान मनुष्‍य की वाणी ही अमोल मोती है। यदि कोई मनुष्‍य अजनबी की जमानत देता है, तो उसको अजनबी के वस्‍त्र गिरवी रख लेना चाहिए; और यदि वह किसी विदेशी की जमानत देता है तो उससे बंधक की वस्‍तु लेना चाहिए। छल-कपट से कमाई गई रोटी मनुष्‍य को खाते समय मीठी लगती है, परन्‍तु कुछ समय के पश्‍चात् उसका मुंह कंकड़ों से भर जाता है।