बुद्धिमती स्त्री अपना घर बनाती है, पर मूर्ख स्त्री अपना घर अपने ही हाथ से ढाह देती है जिस मनुष्य का आचरण निष्कपट है, वह प्रभु की भक्ति करता है; किन्तु जिसका आचरण छल-कपट से भरा है, वह प्रभु को तुच्छ समझता है मूर्ख मनुष्य के मुंह में गर्व का अंकुर फूटता है, और वह विपत्ति को बुलाता है; पर बुद्धिमान मनुष्य के ओंठों से निकले शब्द उसकी रक्षा करते हैं।
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