नीतिवचन 13:12-19

नीतिवचन 13:12-19 HINCLBSI

जब आशा पूरी होने में विलम्‍ब होता है तब हृदय उदास हो जाता है; पर इच्‍छा की पूर्ति का अर्थ है : जीवन-वृक्ष! जो मनुष्‍य परमेश्‍वर के वचन को तुच्‍छ समझता है, वह स्‍वयं अपने विनाश का कारण बनता है! पर प्रभु की आज्ञाओं का आदर करनेवाला पुरस्‍कार पाएगा! बुद्धिमान व्यक्‍ति के शिक्षाप्रद वचन जीवन के झरने हैं, जिनके द्वारा मनुष्‍य मृत्‍यु के फंदे से बचता है। सद्बुद्धि के द्वारा मनुष्‍य लोगों का कृपापात्र बनता है, किन्‍तु धर्महीन व्यक्‍ति का आचरण उसके विनाश का कारण होता है। व्‍यवहार-कुशल व्यक्‍ति बुद्धि से अपने कार्य करता है, परन्‍तु मूर्ख अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करता है। बुरा राजदूत जनता को संकट में डालता है, पर विश्‍वासयोग्‍य राजदूत सुखद समाचार लाता है। जो मनुष्‍य शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह गरीबी और अपमान का जीवन बिताता है; पर चेतावनी पर ध्‍यान देनेवाला मनुष्‍य सम्‍मान का पात्र बनता है। जब इच्‍छा पूर्ण हो जाती है तब मनुष्‍य को उसका स्‍वाद मधुर लगता है। पर दुराचार के मार्ग को छोड़ना मूर्ख को घृणित लगता है।