दयालु स्त्री का सम्मान होता है, और कठोर परिश्रम करनेवाला पुरुष धन प्राप्त करता है। जो मनुष्य दूसरों पर दया करता है, वह स्वयं अपना हित करता है; पर निर्दयी मनुष्य स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है। दुर्जन की कमाई मिथ्या है; पर धार्मिकता का बीज बोनेवाला मनुष्य निश्चय ही सच्चा फल प्राप्त करता है। धर्म पर स्थिर रहनेवाला मनुष्य सदा जीवित रहता है, पर जो दुष्कर्मों को गले लगाता है, वह नष्ट हो जाता है। जिसके हृदय में कुटिलता निवास करती है, उससे प्रभु घृणा करता है; पर वह निष्कपट मार्ग पर चलनेवाले से प्रसन्न होता है। निश्चय जानो! प्रभु दुर्जन को अवश्य दण्ड देगा, किन्तु धार्मिक मनुष्य का अनिष्ट न होगा। यदि सुन्दर स्त्री में विवेक नहीं है तो वह सूअर के थूथन में सोने की नथ के समान है! धार्मिक मनुष्य की अभिलाषा केवल भलाई होती है; पर दुर्जन की आशा का परिणाम प्रभु का क्रोध होता है! मुक्त हृदय से लुटानेवाला मनुष्य धनवान होता जाता है; पर जो मनुष्य जितना देना चाहिए उतना नहीं देता; वह अभावग्रस्त हो जाता है। उदारता से देनेवाला मनुष्य सम्पन्न होता है; दूसरे के खेत को सींचनेवाले किसान की भूमि भी सींची जाती है। अनाज के जमाखोर को लोग कोसते हैं, पर जो व्यापारी अपना अनाज जनता को बेच देता है, उसको लोग आशीर्वाद देते हैं। जो भलाई करने के लिए सदा प्रयत्न करता है, वह मनुष्य और परमेश्वर दोनों की कृपा प्राप्त करता है; पर जो बुराई की तलाश में रहता है उसको बुराई ही मिलती है। अपनी धन-सम्पत्ति पर भरोसा करनेवाला सूखे पत्ते के समान झड़ जाता है; पर धार्मिक मनुष्य नए पत्ते के समान लहलहाता है। जो मनुष्य अपने परिवार को दु:ख देता है उसकी धन-सम्पत्ति नष्ट हो जाती है, और वह मूर्ख मनुष्य बुद्धिमान का गुलाम बन जाता है। धार्मिक व्यक्ति के आचरण का फल है: जीवन वृक्ष! पर दुष्कर्मी के कार्य का फल है: हिंसा! यदि धार्मिक को पृथ्वी पर ही उसके आचरण का प्रतिफल मिल जाता है, तो फिर दुर्जन और पापी को क्यों नहीं मिलेगा?
नीतिवचन 11 पढ़िए
सुनें - नीतिवचन 11
साझा करें
सभी संस्करणों की तुलना करें: नीतिवचन 11:16-31
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो