मेरे लिए तो जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है! किन्तु यदि मैं सशरीर जीवित रहूँ, तो सफल परिश्रम कर सकता हूँ; इसलिए मैं नहीं समझ पाता कि क्या चुनूँ। मैं दोनों ओर खिंचा हुआ हूँ। मैं तो चल देना और मसीह के साथ रहना चाहता हूं। यह निश्चय ही सर्वोत्तम है; किन्तु शरीर में मेरा विद्यमान रहना आप लोगों के लिए अधिक हितकर है। मुझे पक्का विश्वास है कि मैं जीवित रहूंगा और आप के साथ रह कर आपकी सहायता करूँगा, जिससे आपकी प्रगति हो और विश्वास में आपका आनन्द बढ़े। इस प्रकार जब मैं फिर आप के यहाँ आऊंगा, तो आप मेरे कारण येशु मसीह पर और भी गौरव कर सकेंगे। आप लोग एक बात का ध्यान रखें : आपका आचरण मसीह के शुभ समाचार के योग्य हो। इस तरह मैं चाहे आ कर आप से मिलूँ, चाहे दूर रह कर आप के विषय में सुनूँ, मुझे यही मालूम हो कि आप एक-प्राण हो कर विश्वास में अटल बने हुए हैं, एक-हृदय हो कर शुभसमाचार में विश्वास के लिए मेरे साथ प्रयत्नशील हैं और विरोधियों से तनिक भी नहीं डरते। आपकी यह दृढ़ता परमेश्वर का वरदान है और यह विरोधियों के लिए विनाश का, किन्तु आपके लिए मुक्ति का संकेत है। आप लोगों को न केवल मसीह में विश्वास करने का, बल्कि उनके कारण दु:ख भोगने का भी वरदान मिला है। क्योंकि आप भी उस संघर्ष में लगे हुए हैं, जो आपने मुझे करते देखा और जिस में मैं अब भी लगा हुआ हूँ, जैसा कि आप सुनते होंगे।
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