नहेम्‍याह 4:4-14

नहेम्‍याह 4:4-14 HINCLBSI

मैंने यह प्रार्थना की, ‘हे हमारे परमेश्‍वर, उनकी बातें सुन! वे हमारी निन्‍दा करते हैं। उनके ये व्‍यंग-बाण स्‍वयं उनको ही बेधें। वे अपने देश से निष्‍कासित हो जाएं, और उन्‍हें निष्‍कासित करने वाला देश उनको लूट ले। उनके दुष्‍कर्म को मत भूलना, अपनी आंखों के सामने से उनके पाप को ओझल मत होने देना; क्‍योंकि उन्‍होंने तेरे सेवक निर्माताओं के सामने तुझे क्रोध के लिए भड़काया है।’ इसके बाद भी हमने शहरपनाह का निर्माणकार्य जारी रखा, और समस्‍त शहरपनाह आधी ऊंचाई तक जुड़ गई; क्‍योंकि निर्माण-कार्य में लोगों का मन लगा रहा। जब सनबल्‍लत और तोबियाह ने तथा अरबी और अम्‍मोनी कौम के लोगों ने और अशदोद के पलिश्‍ती लोगों ने सुना कि यरूशलेम की शहरपनाह का मरम्‍मत-कार्य निरन्‍तर हो रहा है, उसकी दरारें भरी जा रही हैं, तो वे अत्‍यन्‍त क्रुद्ध हुए। उन्‍होंने मिलकर षड्‍यन्‍त्र रचा, और यरूशलेम पर आक्रमण करने और नगर में उपद्रव करने का निश्‍चय किया। अत: हमने अपने परमेश्‍वर से प्रार्थना की, और शत्रुओं के संभावित हमले से बचने के लिए चौबीस घण्‍टों के लिए पहरेदार बैठा दिए। यहूदियों ने कहा, ‘बोझ ढोने वालों का बल घटने लगा; पर मलवा अभी बहुत बचा है! शहरपनाह अब हम नहीं उठा सकते।’ हमें घेरनेवाले शत्रुओं ने मन में सोचा, ‘जब तक हम उनके बीच में घुस कर उनको मार नहीं डालेंगे, और यों निर्माण-कार्य रोक नहीं देंगे, तब तक उनकी दृष्‍टि हम पर नहीं पड़ेगी, उनको पता भी न चलेगा।’ पर उनके बीच रहनेवाले यहूदी हमारे पास आकर हमें बार-बार सावधान करते थे कि ‘हमारे शत्रु, जहां-जहां वे रहते हैं, वहां से हम पर आक्रमण करेंगे।’ अत: मैंने लोगों को तलवारें, भाले और धनुष दिए, और उन्‍हें उनके पितृ-कुलों के अनुसार शहरपनाह के पीछे सबसे नीचे के खुले स्‍थानों में बैठा दिया। तब मैं उनको भयभीत देखकर उठा, और प्रतिष्‍ठित नागरिकों, अधिकारियों और अन्‍य लोगों से कहा, ‘अपने शत्रुओं से मत डरो। प्रभु को स्‍मरण रखो, वह महान और आतंकमय है, और तब अपने भाई-बन्‍धुओं, पुत्र-पुत्रियों, पत्‍नियों और घरों की रक्षा के लिए युद्ध करो।’