नहेम्‍याह 4:11-15

नहेम्‍याह 4:11-15 HINCLBSI

हमें घेरनेवाले शत्रुओं ने मन में सोचा, ‘जब तक हम उनके बीच में घुस कर उनको मार नहीं डालेंगे, और यों निर्माण-कार्य रोक नहीं देंगे, तब तक उनकी दृष्‍टि हम पर नहीं पड़ेगी, उनको पता भी न चलेगा।’ पर उनके बीच रहनेवाले यहूदी हमारे पास आकर हमें बार-बार सावधान करते थे कि ‘हमारे शत्रु, जहां-जहां वे रहते हैं, वहां से हम पर आक्रमण करेंगे।’ अत: मैंने लोगों को तलवारें, भाले और धनुष दिए, और उन्‍हें उनके पितृ-कुलों के अनुसार शहरपनाह के पीछे सबसे नीचे के खुले स्‍थानों में बैठा दिया। तब मैं उनको भयभीत देखकर उठा, और प्रतिष्‍ठित नागरिकों, अधिकारियों और अन्‍य लोगों से कहा, ‘अपने शत्रुओं से मत डरो। प्रभु को स्‍मरण रखो, वह महान और आतंकमय है, और तब अपने भाई-बन्‍धुओं, पुत्र-पुत्रियों, पत्‍नियों और घरों की रक्षा के लिए युद्ध करो।’ जब हमारे शत्रुओं ने सुना कि उनका षड्‍यन्‍त्र हमें ज्ञात हो गया है, और परमेश्‍वर ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया है, तब उन्‍होंने आक्रमण का विचार छोड़ दिया और हम शहरपनाह के अपने-अपने काम पर लौट गए।