मारकुस 7:6-13

मारकुस 7:6-13 HINCLBSI

येशु ने उत्तर दिया, “नबी यशायाह ने तुम ढोंगियों के विषय में ठीक ही नबूवत की है। जैसा कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : ‘ये लोग मुख से मेरा आदर करते हैं, परन्‍तु इनका हृदय मुझ से दूर है। ये व्‍यर्थ ही मेरी उपासना करते हैं, क्‍योंकि ये मनुष्‍यों के बनाए हुए नियमों को ऐसे सिखाते हैं मानो वे धर्मसिद्धान्‍त हों।’ तुम लोग मनुष्‍यों की परम्‍परा का तो पालन करते हो, किन्‍तु परमेश्‍वर की आज्ञा टालते हो!” येशु ने उनसे कहा, “तुम लोग अपनी ही परम्‍परा बनाये रखने के लिए परमेश्‍वर की आज्ञा का उल्‍लंघन किस सुन्‍दर रीति से कर देते हो! क्‍योंकि मूसा ने कहा, ‘अपने पिता और अपनी माता का आदर करो’; और ‘जो अपने पिता या अपनी माता को बुरा कहे, उसे प्राणदण्‍ड दिया जाए।’ परन्‍तु तुम लोग यह मानते हो कि यदि कोई अपने पिता या अपनी माता से कहे−‘आप को मुझ से जो लाभ हो सकता था, वह कुरबान (अर्थात् परमेश्‍वर को अर्पित) है’, तो फिर तुम उसे अपने पिता या अपनी माता के लिए कुछ नहीं करने देते हो। इस तरह तुम लोग अपनी परम्‍परा के नाम पर, जिसे तुम आगे बढ़ाते हो, परमेश्‍वर का वचन रद्द करते हो और ऐसे ही अनेक कार्य तुम करते रहते हो।”