मारकुस 4:13-20

मारकुस 4:13-20 HINCLBSI

येशु ने उन से कहा, “क्‍या तुम यह दृष्‍टान्‍त नहीं समझते? तो अन्‍य दृष्‍टान्‍तों को कैसे समझोगे? बोने वाला परमेश्‍वर का वचन बोता है। जो मार्ग के किनारे हैं, जहाँ वचन बोया जाता है : ये वे लोग हैं जिन्‍होंने परमेश्‍वर का वचन सुना, परन्‍तु शैतान तुरन्‍त ही आकर वह वचन ले जाता है, जो उन में बोया गया है। इसी प्रकार, जो पथरीली भूमि में बोये जाते हैं : ये वे लोग हैं, जो वचन सुनते ही उसे प्रसन्नता से ग्रहण करते हैं; किन्‍तु उन में जड़ नहीं है और वे थोड़े ही दिन दृढ़ रहते हैं। वचन के कारण कष्‍ट या अत्‍याचार आ पड़ने पर, वे तुरन्‍त विचलित हो जाते हैं। दूसरे बीज जो काँटों में बोये जाते हैं : ये वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं; परन्‍तु संसार की चिन्‍ताएँ, धन का मोह और अन्‍य बातों की इच्‍छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता। जो अच्‍छी भूमि में बोये गये हैं : ये वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, उसे ग्रहण करते हैं और फल लाते हैं−कोई तीस गुना, कोई साठ गुना, कोई सौ गुना।”

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