मारकुस 15:26-47

मारकुस 15:26-47 HINCLBSI

उनके दोषपत्र पर यह लिखा था−‘यहूदियों का राजा’। येशु के साथ ही उन्‍होंने दो डाकुओं को क्रूस पर चढ़ाया−एक को उनकी दाहिनी ओर और दूसरे को उनकी बायीं ओर। [इस प्रकार धर्मग्रन्‍थ का यह कथन पूरा हो गया : “वह अपराधियों के साथ गिना गया।”] उधर से आने-जाने वाले लोग येशु की निन्‍दा करते और सिर हिलाते हुए यह कह रहे थे, “वाह! मन्‍दिर ढाने वाले और तीन दिनों में उसे फिर बना देने वाले! क्रूस से उतर कर अपने को बचा।” महापुरोहित भी आपस में और शास्‍त्रियों के साथ उनका उपहास करते हुए यह कह रहे थे, “इसने दूसरों को बचाया, किन्‍तु यह अपने को नहीं बचा सकता। अब यह मसीह, इस्राएल का राजा क्रूस से उतरे ताकि हम देखें और विश्‍वास करें।” जो डाकू येशु के साथ क्रूस पर चढ़ाये गये थे, वे भी येशु को भला-बुरा कह रहे थे। दोपहर होने पर समस्‍त पृथ्‍वी पर अंधेरा छा गया और तीन बजे तक बना रहा। दोपहर तीन बजे येशु ने ऊंचे स्‍वर से पुकारा, “एलोई! एलोई! लमा सबकतानी?” इसका अर्थ है : “हे मेरे परमेश्‍वर! हे मेरे परमेश्‍वर! तूने मुझे क्‍यों छोड़ दिया?” यह सुन कर पास खड़े लोगों में से कुछ ने कहा, “देखो! यह नबी एलियाह को पुकार रहा है।” उन में से एक ने दौड़ कर अम्‍लरस में पनसोख्‍ता डुबाया, उसे सरकण्‍डे में लगाया और यह कहते हुए येशु को पीने को दिया, “रहने दो! देखें, एलियाह इसे उतारने आते हैं या नहीं।” तब येशु ने ऊंचे स्‍वर से पुकार कर प्राण त्‍याग दिये। मन्‍दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। जो रोमन शतपति येशु के सामने खड़ा था, वह उन्‍हें इस प्रकार प्राण त्‍यागते देख कर बोल उठा, “निश्‍चय ही, यह मनुष्‍य परमेश्‍वर का पुत्र था।” वहाँ कुछ स्‍त्रियाँ भी दूर से देख रही थीं। उन में मरियम मगदलेनी, छोटे याकूब और योसेस की माता मरियम और सलोमी थीं। जब येशु गलील प्रदेश में थे, वे उनके पीछे हो ली थीं और उनकी सेवा-परिचर्या करती थीं। वहाँ और भी अन्‍य स्‍त्रियाँ थीं, जो येशु के साथ यरूशलेम आयी थीं। अब सन्‍ध्‍या हो गयी थी। उस दिन शुक्रवार था, अर्थात् विश्राम-दिवस के पूर्व का दिन। इसलिए अरिमतियाह नगर का यूसुफ़ आया। वह धर्ममहासभा का एक सम्‍मानित सदस्‍य था। वह परमेश्‍वर के राज्‍य की प्रतीक्षा में था। वह साहस करके राजभवन के भीतर पिलातुस के पास गया और उसने येशु का शरीर माँगा। पिलातुस को आश्‍चर्य हुआ कि वह इतने शीघ्र मर गये हैं। उसने शतपति को बुला कर पूछा कि क्‍या येशु को मरे कुछ समय हो गया है। शतपति से इसकी सूचना पाकर पिलातुस ने यूसुफ़ को शव दिला दिया। यूसुफ़ ने मलमल का कफ़न ख़रीदा और येशु को क्रूस से उतारा। उसने उन्‍हें कफ़न में लपेट कर चट्टान में खोदी हुई कबर में रख दिया और कबर के द्वार पर एक पत्‍थर लुढ़का कर लगा दिया। मरियम मगदलेनी और योसेस की माता मरियम यह देख रही थीं कि येशु कहाँ रखे गये हैं।