मारकुस 15:1-25

मारकुस 15:1-25 HINCLBSI

सबेरा होते ही महापुरोहितों, धर्मवृद्धों और शास्‍त्रियों ने समस्‍त धर्ममहासभा के साथ परामर्श किया। इसके बाद उन्‍होंने येशु को बाँधा और उन्‍हें ले जा कर राज्‍यपाल पिलातुस को सौंप दिया। पिलातुस ने येशु से पूछा, “क्‍या तुम यहूदियों के राजा हो?” येशु ने उत्तर दिया, “यह तो आप कह रहे हैं।” तब महापुरोहित उन पर बहुत-से अभियोग लगाने लगे। पिलातुस ने फिर येशु से पूछा, “देखो, ये तुम पर कितने अभियोग लगा रहे हैं। क्‍या इनका कोई उत्तर तुम्‍हारे पास नहीं है?” फिर भी येशु ने कोई उत्तर नहीं दिया। इस पर पिलातुस को आश्‍चर्य हुआ। पर्व के अवसर पर राज्‍यपाल लोगों की माँग के अनुसार एक बन्‍दी को रिहा किया करता था। उस समय बरअब्‍बा नामक एक व्यक्‍ति बन्‍दीगृह में था। वह उन विद्रोहियों के साथ गिरफ्‍तार हुआ था, जिन्‍होंने राजद्रोह के समय हत्‍या की थी। जब भीड़ ऊपर आ कर राज्‍यपाल से निवेदन करने लगी कि वह जैसा करता आया है, वैसा ही उनके लिए करे, तो पिलातुस ने उन से कहा, “क्‍या तुम लोग चाहते हो कि मैं तुम्‍हारे लिए यहूदियों के राजा को रिहा करूँ?” वह जानता था कि महापुरोहितों ने ईष्‍र्या से येशु को पकड़वाया है। किन्‍तु महापुरोहितों ने लोगों को भड़काया कि वे माँग करें कि वह बरअब्‍बा ही को उनके लिए रिहा करे। पिलातुस ने फिर भीड़ से पूछा, “तो तुम क्‍या चाहते हो? मैं इस मनुष्‍य का क्‍या करूँ, जिसे तुम यहूदियों का राजा कहते हो?” लोग फिर चिल्‍लाए, “उसे क्रूस पर चढ़ाओ!” पिलातुस ने कहा, “क्‍यों? उसने कौन-सा अपराध किया है?” किन्‍तु वे और भी जोर से चिल्‍लाने लगे, “उसे क्रूस पर चढ़ाओ।” तब पिलातुस ने भीड़ को संतुष्‍ट करने की इच्‍छा से बरअब्‍बा को मुक्‍त कर दिया और येशु को कोड़े लगवा कर क्रूस पर चढ़ाने के लिए सैनिकों के हवाले कर दिया। इसके बाद सैनिक येशु को भवन के अन्‍दर, अर्थात् राजभवन में, ले गए और उन्‍होंने वहाँ सारा सैन्‍य-दल एकत्र कर लिया। उन्‍होंने येशु को बैंगनी वस्‍त्र पहनाया और काँटों का मुकुट गूँथ कर उनके सिर पर लगा दिया। तब वे उनका अभिवादन करने लगे, “यहूदियों के राजा, प्रणाम!” उन्‍होंने उनके सिर पर सरकण्‍डे से मारा, उन पर थूका और उनके सामने घुटने टेक कर उनकी वन्‍दना की। इस प्रकार येशु का उपहास करने के बाद सैनिकों ने बैंगनी वस्‍त्र उतार लिया और उन्‍हें उनके निजी कपड़े पहना दिये। तत्‍पश्‍चात् वे येशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए नगर के बाहर ले गये। सिकन्‍दर और रूफस का पिता, कुरेने देश का निवासी शिमोन, गाँव से नगर में आ रहा था। वह उधर से निकला। सैनिकों ने उसे बेगार में पकड़ा कि वह येशु का क्रूस उठाकर ले चले। वे येशु को गुलगुता नामक स्‍थान पर लाए, जिसका अर्थ है : ‘खोपड़ी’ का स्‍थान। वहाँ लोग येशु को गन्‍धरस मिला दाखरस देने लगे, किन्‍तु उन्‍होंने उसे नहीं लिया। तब सैनिकों ने येशु को क्रूस पर चढ़ाया और−किसे क्‍या मिले−इसके लिए चिट्ठी डालकर उनके वस्‍त्र आपस में बाँट लिये। जब उन्‍होंने येशु को क्रूस पर चढ़ाया, उस समय सबेरे के नौ बजे थे।