मारकुस 14:53-65

मारकुस 14:53-65 HINCLBSI

वे येशु को प्रधान महापुरोहित के यहाँ ले गये। सब महापुरोहित, धर्मवृद्ध और शास्‍त्री वहाँ एकत्र हुए थे। येशु से कुछ दूरी रखते हुए पतरस उनके पीछे-पीछे प्रधान महापुरोहित के भवन के आंगन तक गया था और वहाँ पहरेदारों के साथ बैठ कर आग ताप रहा था। महापुरोहित और सारी धर्ममहासभा येशु को मरवा डालने के उद्देश्‍य से उनके विरुद्ध गवाही खोज रही थी, परन्‍तु वह मिली नहीं। बहुत-से लोगों ने तो उनके विरुद्ध झूठी गवाही दी, किन्‍तु उनके बयान मेल नहीं खाते थे। तब कुछ लोग उठे और उन्‍होंने येशु के विरुद्ध यह झूठी गवाही दी, “हमने इस व्यक्‍ति को ऐसा कहते सुना है : ‘मैं हाथ का बनाया हुआ यह मन्‍दिर ढा दूँगा और तीन दिन में दूसरा खड़ा कर दूँगा, जो हाथ का बनाया हुआ नहीं होगा।’ ” किन्‍तु इसके विषय में भी उनके बयान मेल नहीं खाये थे। तब प्रधान महापुरोहित ने सभा के बीच में खड़े होकर येशु ने पूछा, “ये लोग तुम्‍हारे विरुद्ध जो गवाही दे रहे हैं, क्‍या इसका कोई उत्तर तुम्‍हारे पास नहीं है?” परन्‍तु येशु चुप रहे। उन्‍होंने कोई उत्तर नहीं दिया। इसके बाद प्रधान महापुरोहित ने येशु से पूछा, “क्‍या तुम परमस्‍तुत्‍य के पुत्र मसीह हो?” येशु ने उत्तर दिया “मैं हूँ। और आप लोग मानव-पुत्र को सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की दाहिनी ओर विराजमान और आकाश के बादलों के साथ आता हुआ देखेंगे।” इस पर प्रधान महापुरोहित ने अपने कुरते फाड़ कर कहा, “अब हमें गवाहों की जरूरत ही क्‍या है? आप लोगों ने स्‍वयं ईश-निन्‍दा सुनी है। आप लोगों का क्‍या विचार है?” सब का निर्णय यह हुआ कि येशु प्राणदण्‍ड के योग्‍य हैं। तब कुछ लोग उन पर थूकने लगे और उनकी आँखों पर पट्टी बाँध कर उन्‍हें घूँसे मारने लगे और यह कहा, “यदि तू नबी है तो बोल!” प्रधान महापुरोहित के पहरेदारों ने भी उन्‍हें लेकर थप्‍पड़ मारे।