मारकुस 14:1-9

मारकुस 14:1-9 HINCLBSI

पास्‍का (फसह) तथा बेखमीर रोटी के पर्व में दो दिन रह गये थे। महापुरोहित और शास्‍त्री येशु को छल से गिरफ्‍तार करने और उनको मार डालने का उपाय ढूँढ़ रहे थे। फिर भी वे कहते थे, “पर्व के दिनों में नहीं। कहीं ऐसा न हो कि जनता में दंगा हो जाए।” जब येशु बेतनियाह गाँव में शिमोन ‘कुष्‍ठरोगी’ के घर में भोजन कर रहे थे, तो एक महिला संगमरमर के पात्र में असली जटामांसी का बहुमूल्‍य इत्र ले कर आयी। उसने पात्र तोड़ कर येशु के सिर पर इत्र उंडेल दिया। इस पर कुछ लोग झुंझला कर एक दूसरे से बोले, “इत्र का यह अपव्‍यय क्‍यों? यह इत्र तीन सौ चाँदी के सिक्‍कों से अधिक मूल्‍य में बेचा जा सकता था और उससे प्राप्‍त धन गरीबों में बाँटा जा सकता था।” और वे उसे झिड़कने लगे। येशु ने कहा, “इसे छोड़ दो। इसे क्‍यों तंग करते हो? इसने मेरे लिए एक सुन्‍दर कार्य किया है। गरीब तो सदा तुम लोगों के साथ रहेंगे। तुम जब चाहो, उनका उपकार कर सकते हो; किन्‍तु मैं सदा तुम्‍हारे साथ नहीं रहूँगा। यह जो कुछ कर सकती थी, इसने कर दिया। इसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में पहले ही से मेरे शरीर पर इत्र लगाया। मैं तुम से सच कहता हूँ : सारे संसार में जहाँ कहीं शुभ-समाचार सुनाया जाएगा, वहाँ इसकी स्‍मृति में इसके इस कार्य की भी चर्चा की जाएगी।”

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