मारकुस 1:29-38

मारकुस 1:29-38 HINCLBSI

वे सभागृह से निकले और येशु याकूब और योहन के साथ सीधे सिमोन और अन्‍द्रेयास के घर गये। सिमोन की सास बुखार में पड़ी हुई थी। लोगों ने तुरन्‍त उसके विषय में उन्‍हें बताया। येशु उसके पास आये और उन्‍होंने हाथ पकड़ कर उसे उठाया। उसका बुखार उतर गया और वह उन लोगों के सेवा-सत्‍कार में लग गयी। सन्‍ध्‍या समय, सूरज डूबने के बाद लोग सब रोगियों और भूतग्रस्‍तों को येशु के पास ले आये। सारा नगर द्वार पर एकत्र हो गया। येशु ने नाना प्रकार की बीमारियों से पीड़ित बहुत-से रोगियों को स्‍वस्‍थ किया और लोगों में से बहुत-से भूतों को निकाला। येशु भूतों को बोलने से रोकते थे, क्‍योंकि भूत जानते थे कि वह कौन हैं। प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्‍त स्‍थान जा कर प्रार्थना करने लगे। सिमोन और उसके साथी उनकी खोज में निकले, और उन्‍हें पाते ही यह बोले, “सब लोग आप को ढूँढ़ रहे हैं।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “आओ, हम आसपास के अन्‍य कस्‍बों में चलें। मुझे वहाँ भी संदेश सुनाना है, क्‍योंकि इसीलिए तो मैं आया हूँ।”