मारकुस 1:23-45

मारकुस 1:23-45 HINCLBSI

उस समय उनके सभागृह में एक मनुष्‍य था जो अशुद्ध आत्‍मा के वश में था। वह चिल्‍लाया, “नासरत-निवासी येशु! हमें आपसे क्‍या काम? क्‍या आप हमें नष्‍ट करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं : परमेश्‍वर के भेजे हुए पवित्र जन!” येशु ने यह कहते हुए उसे डाँटा, “चुप रह! इस मनुष्‍य से बाहर निकल जा।” अशुद्ध आत्‍मा उस मनुष्‍य को झकझोर कर ऊंचे स्‍वर से चिल्‍लाती हुई उसमें से निकल गयी। सब चकित रह गये और एक दूसरे से पूछने लगे, “यह क्‍या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वह अधिकार के साथ बोलते हैं। वह अशुद्ध आत्‍माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानती हैं।” येशु की चर्चा शीघ्र ही गलील प्रदेश के कोने-कोने में फैल गयी। वे सभागृह से निकले और येशु याकूब और योहन के साथ सीधे सिमोन और अन्‍द्रेयास के घर गये। सिमोन की सास बुखार में पड़ी हुई थी। लोगों ने तुरन्‍त उसके विषय में उन्‍हें बताया। येशु उसके पास आये और उन्‍होंने हाथ पकड़ कर उसे उठाया। उसका बुखार उतर गया और वह उन लोगों के सेवा-सत्‍कार में लग गयी। सन्‍ध्‍या समय, सूरज डूबने के बाद लोग सब रोगियों और भूतग्रस्‍तों को येशु के पास ले आये। सारा नगर द्वार पर एकत्र हो गया। येशु ने नाना प्रकार की बीमारियों से पीड़ित बहुत-से रोगियों को स्‍वस्‍थ किया और लोगों में से बहुत-से भूतों को निकाला। येशु भूतों को बोलने से रोकते थे, क्‍योंकि भूत जानते थे कि वह कौन हैं। प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्‍त स्‍थान जा कर प्रार्थना करने लगे। सिमोन और उसके साथी उनकी खोज में निकले, और उन्‍हें पाते ही यह बोले, “सब लोग आप को ढूँढ़ रहे हैं।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “आओ, हम आसपास के अन्‍य कस्‍बों में चलें। मुझे वहाँ भी संदेश सुनाना है, क्‍योंकि इसीलिए तो मैं आया हूँ।” और वह उनके सभागृहों में उपदेश देते और भूतों को निकालते हुए समस्‍त गलील प्रदेश में घूमने लगे। एक कुष्‍ठरोगी येशु के पास आया और घुटने टेक कर उन से अनुनय-विनय करते हुए बोला, “आप चाहें, तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” येशु को उस पर दया आयी। उन्‍होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्‍पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ−तुम शुद्ध हो जाओ।” उसी क्षण उसका कुष्‍ठरोग दूर हुआ और वह शुद्ध हो गया। येशु ने उसे यह कड़ी चेतावनी देते हुए तुरन्‍त विदा किया, “सावधान! किसी से कुछ भी न कहना, किन्‍तु जाओ और अपने आप को पुरोहित को दिखाओ और अपने शुद्धीकरण के लिए मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे सब लोगों को मालूम हो जाए कि तुम स्‍वस्‍थ हो गए हो।” परन्‍तु वह बाहर जा कर खुल कर इसकी चर्चा करने लगा और चारों ओर इस समाचार को फैलाने लगा। परिणाम यह हुआ कि येशु प्रकट रूप से नगरों में प्रवेश नहीं कर सके, वरन् वह निर्जन स्‍थानों में रहे। फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते रहे।