मीका 7:10-18

मीका 7:10-18 HINCLBSI

यह देखकर मेरी बैरिन लज्‍जित होगी, क्‍योंकि उसने कहा था, ‘कहां है तेरा प्रभु परमेश्‍वर?’ जब वह गली के कीचड़ की तरह रौंद दी जाएगी, तब मेरी आंखें उसकी पतित दशा देखकर तृप्‍त होंगी। ओ यरूशलेम, तेरी शहरपनाह के निर्माण का दिन आएगा। उस दिन तेरी सीमा का विस्‍तार होगा। उस दिन असीरिया से मिस्र देश तक मिस्र से फरात नदी तक, एक समुद्र से दूसरे समुद्र तक, एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक के निवासी तेरे पास आएंगे। किन्‍तु पृथ्‍वी अपने निवासियों के कारण, उनके दुष्‍कर्म के फलों के कारण उजाड़ हो जाएगी। प्रभु, तू अपनी लाठी लेकर अपने निज लोगों को, अपनी मीरास को, अपनी भेड़ों को चरा। वे जंगल में अकेले निवास कर रहे हैं। वे उपजाऊ भूमि के मध्‍य अकेले पड़े हैं। जैसा तू पुराने समय में बाशान और गिलआद क्षेत्र में उन्‍हें चराता था, वैसा ही उन्‍हें अब इन क्षेत्रों में चरा। जब तू मिस्र देश से हमें बाहर निकाल लाया, तब तूने आश्‍चर्यपूर्ण कार्य दिखाए थे। वैसे ही हमें फिर दिखा दे।’ सब राष्‍ट्र चाहे कितने ही शक्‍तिशाली क्‍यों न हों, वे इस्राएली राष्‍ट्र को देखकर आश्‍चर्यचकित हो जाएंगे। उनके कान के परदे फट जाएंगे; उनके मुंह से आवाज नहीं निकलेगी। वे रेंगनेवाले जीव-जन्‍तुओं की तरह, सांप के समान धूल चाटेंगे। वे कांपते हुए अपने किलों से बाहर निकलेंगे। वे डरते हुए हमारे प्रभु परमेश्‍वर के पास जाएंगे; वे तेरे कारण भय से कांपेंगे। हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्‍वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्‍योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।