मीका 4:1-5

मीका 4:1-5 HINCLBSI

आनेवाले दिनों में यह होगा: प्रभु-भवन का पहाड़ पहाड़ों में सर्वश्रेष्‍ठ माना जाएगा; वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा। हर राष्‍ट्र के लोग जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे। वे आकर यह कहेंगे, ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएं, ताकि वह हमें अपने मार्ग की शिक्षा दे; और हम उसके पथ पर चलें।’ सियोन पर्वत से व्‍यवस्‍था प्रकट होगी, यरूशलेम से ही प्रभु का शब्‍द सुनाई देगा। प्रभु भिन्न-भिन्न कौमों का न्‍याय करेगा, वह दूर-दूर के शक्‍तिशाली राष्‍ट्रों का निर्णय करेगा। अत: राष्‍ट्र अपनी तलवारों को हल के फाल बनाएंगे। वे अपने भाले को हंसिए में बदल देंगे, एक राष्‍ट्र दूसरे राष्‍ट्र के विरुद्ध तलवार नहीं उठाएगा, और न ही वे युद्ध-विद्या सीखेंगे। हर आदमी अपने अंगूर-उद्यान में, अपने अंजीर वृक्ष के नीचे निश्‍चिंत बैठेगा, उसे शत्रु के आक्रमण का डर नहीं होगा। स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने स्‍वयं यह कहा है। राष्‍ट्र के लोग अपने-अपने देवता के नाम पर चलते हैं; पर हम सदा-सर्वदा अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम पर चलेंगे।