मत्ती 8:1-17

मत्ती 8:1-17 HINCLBSI

येशु पहाड़ी से उतरे। एक विशाल जनसमूह उनके पीछे हो लिया। उस समय एक कुष्‍ठरोगी उनके पास आया और उसने यह कहते हुए उन्‍हें दण्‍डवत किया, “प्रभु! आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं।” येशु ने हाथ बढ़ा कर उसको स्‍पर्श किया और कहा, “मैं यही चाहता हूँ। तुम शुद्ध हो जाओ।” उसी क्षण वह कुष्‍ठरोग से शुद्ध हो गया। येशु ने उस से कहा, “सावधान! किसी से कुछ न कहना। जाकर अपने आप को पुरोहित को दिखाओ और मूसा द्वारा निर्धारित भेंट चढ़ाओ, जिससे सब लोगों को मालूम हो जाए कि तुम स्‍वस्‍थ हो गए हो।” येशु कफरनहूम नगर में प्रवेश कर ही रहे थे कि एक रोमन शतपति उनके पास आया और उसने उनसे यह निवेदन किया, “प्रभु! मेरा सेवक घर में पड़ा हुआ है। उसे लकुवा हो गया है और वह घोर पीड़ा सह रहा है।” येशु ने उससे कहा, “मैं आ कर उसे स्‍वस्‍थ कर दूँगा।” शतपति ने उत्तर दिया, “प्रभु! मैं इस योग्‍य नहीं हूँ कि आप मेरे यहाँ आएँ। आप एक ही शब्‍द कह दीजिए और मेरा सेवक स्‍वस्‍थ्‍य हो जाएगा। मैं स्‍वयं शासन के अधीन हूँ और सैनिक मेरे अधीन हैं। जब मैं एक से कहता हूँ − ‘जाओ’, तो वह जाता है और दूसरे से − ‘आओ’, तो वह आता है और अपने सेवक से − ‘यह करो’, तो वह करता है।” येशु यह सुनकर चकित हो गये और उन्‍होंने अपने पीछे आने वालों से कहा, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, इस्राएल में भी मैंने किसी में इतना दृढ़ विश्‍वास नहीं पाया। “मैं तुम से कहता हूँ, बहुत लोग पूर्व और पश्‍चिम से आ कर अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्‍वर्गराज्‍य के भोज में सम्‍मिलित होंगे, परन्‍तु राज्‍य की सन्‍तान को बाहर, अन्‍धकार में फेंक दिया जाएगा। वहाँ वे लोग रोएँगे और दाँत पीसेंगे।” शतपति से येशु ने कहा, “जाओ, तुम ने जैसा विश्‍वास किया है वैसा ही तुम्‍हारे लिए हो जाए।” और उसी घड़ी उसका सेवक स्‍वस्‍थ हो गया। जब येशु पतरस के घर पहुँचे, तब उन्‍होंने देखा कि पतरस की सास बुखार में पड़ी हुई है। उन्‍होंने उसका हाथ स्‍पर्श किया और उसका बुखार उतर गया और वह उठ कर उनका सेवा-सत्‍कार करने लगी। सन्‍ध्‍या होने पर लोग बहुत-से भूतग्रस्‍त मनुष्‍यों को येशु के पास ले आए। येशु ने शब्‍द मात्र से उन आत्‍माओं को निकाला और सब रोगियों को स्‍वस्‍थ कर दिया। इस प्रकार नबी यशायाह का यह कथन पूरा हुआ : “उसने हमारी दुर्बलताओं को स्‍वयं भोगा और हमारे रोगों का बोझ उठा लिया।”