मत्ती 5:27-32

मत्ती 5:27-32 HINCLBSI

“तुम लोगों ने सुना है कि कहा गया था : ‘व्‍यभिचार मत करना’। परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ : जो कोई बुरी इच्‍छा से किसी स्‍त्री पर दृष्‍टि डालता है, वह अपने मन में उसके साथ व्‍यभिचार कर चुका है। “यदि तुम्‍हारी दाहिनी आँख तुम्‍हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्‍छा यही है कि तुम्‍हारे अंगों में से एक नष्‍ट हो जाए, किन्‍तु तुम्‍हारा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। और यदि तुम्‍हारा दाहिना हाथ तुम्‍हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट कर फेंक दो। अच्‍छा यही है कि तुम्‍हारे अंगों में से एक नष्‍ट हो जाए, किन्‍तु तुम्‍हारा सारा शरीर नरक में न जाए। “यह भी कहा गया था : ‘जो अपनी पत्‍नी का परित्‍याग करता है, वह उसे त्‍याग-पत्र दे दे।’ परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ : व्‍यभिचार को छोड़ किसी अन्‍य कारण से जो कोई अपनी पत्‍नी का परित्‍याग करता है, वह उस से व्‍यभिचार कराता है और जो परित्‍यक्‍ता से विवाह करता है, वह व्‍यभिचार करता है।

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