मत्ती 3:1-17

मत्ती 3:1-17 HINCLBSI

उन दिनों योहन बपतिस्‍मादाता यहूदा प्रदेश के निर्जन प्रदेश में आए, और वहाँ यह प्रचार करने लगे : “पश्‍चात्ताप करो, क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य निकट आ गया है।” योहन वही व्यक्‍ति थे जिनके विषय में नबी यशायाह ने कहा था, “निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज : प्रभु का मार्ग तैयार करो; उसके पथ सीधे कर दो।” योहन ऊंट के रोओं का वस्‍त्र पहने और कमर में चमड़े का पट्टा बाँधे रहते थे। उनका भोजन टिड्डियाँ और वन का मधु था। यरूशलेम नगर, समस्‍त यहूदा प्रदेश और यर्दन नदी के आसपास के क्षेत्रों से लोग योहन के पास आते और अपने पाप स्‍वीकार करते हुए यर्दन नदी में उनसे बपतिस्‍मा ग्रहण करते थे। बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्‍मा के लिए आते देख कर योहन ने उन से कहा, “साँप के बच्‍चो! किसने तुम लोगों को परमेश्‍वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया? पश्‍चात्ताप का उचित फल उत्‍पन्न करो और अपने मन में यह न सोचो कि ‘हम अब्राहम की सन्‍तान हैं’। मैं तुम से कहता हूँ − परमेश्‍वर इन पत्‍थरों से अब्राहम के लिए सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है। अब पेड़ों की जड़ पर कुल्‍हाड़ा लग चुका है। जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा। मैं तो तुम लोगों को जल से पश्‍चात्ताप का बपतिस्‍मा देता हूँ; किन्‍तु जो मेरे बाद आने वाले हैं, वह मुझ से अधिक शक्‍तिशाली हैं। मैं उनके जूते उठाने योग्‍य भी नहीं हूँ। वह तुम्‍हें पवित्र आत्‍मा और आग से बपतिस्‍मा देंगे। वह हाथ में सूप ले चुके हैं। वह अपना खलिहान ओसा कर साफ करेंगे और अपना गेहूँ बखार में जमा करेंगे। किन्‍तु वह भूसी को कभी न बुझने वाली आग में जला देंगे।” उस समय येशु योहन से बपतिस्‍मा लेने के लिए गलील प्रदेश से यर्दन नदी के तट पहुँचे। योहन ने यह कहते हुए उन्‍हें रोकना चाहा, “मुझे तो आप से बपतिस्‍मा लेने की आवश्‍यकता है और आप मेरे पास आए हैं?” परन्‍तु येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दीजिए। यह हमारे लिए उचित है कि हम इसी तरह सब धार्मिकता को पूरा करें।” इस पर योहन ने येशु की बात मान ली। बपतिस्‍मा लेने के बाद येशु तुरन्‍त जल से बाहर निकले। उसी समय उनके लिए स्‍वर्ग खुल गया और उन्‍होंने परमेश्‍वर के आत्‍मा को कपोत के सदृश उतरते और अपने ऊपर आते हुए देखा। और देखो, स्‍वर्ग से वह वाणी सुनाई दी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्‍यन्‍त प्रसन्न हूँ।”