मत्ती 27:1-7

मत्ती 27:1-7 HINCLBSI

जब प्रात:काल हुआ तब सब महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने परस्‍पर परामर्श किया कि येशु को मार डाला जाए। उन्‍होंने येशु को बाँधा और उन्‍हें ले जा कर राज्‍यपाल पिलातुस को सौंप दिया। जब येशु के पकड़वाने वाले यूदस ने देखा कि उन्‍हें दण्‍डाज्ञा मिली है, तब उसे पश्‍चात्ताप हुआ और वह महापुरोहितों और धर्मवृद्धों के पास चाँदी के तीस सिक्‍के वापस ले आया, और बोला, “मैंने निर्दोष रक्‍त का सौदा कर पाप किया है।” उन्‍होंने उत्तर दिया, “हमें इस से क्‍या! तुम जानो।” इस पर यूदस ने चाँदी के सिक्‍के मन्‍दिर में फेंक दिये और वहाँ से चला गया। तब जा कर उसने फांसी लगा ली। महापुरोहितों ने चाँदी के सिक्‍के उठा कर कहा, “इन्‍हें खजाने में जमा करना उचित नहीं है, यह तो रक्‍त की कीमत है।” इसलिए आपस में परामर्श करने के बाद उन्‍होंने परदेशियों को दफनाने के लिए उन सिक्‍कों से कुम्‍हार की जमीन खरीद ली।