जब फरीसियों ने यह सुना कि येशु ने सदूकियों का मुँह बन्द कर दिया है, तब वे इकट्ठे हो गये और उन में से एक व्यवस्था के आचार्य ने येशु की परीक्षा लेने के लिए उन से पूछा, “गुरुवर! व्यवस्था-ग्रन्थ में सब से बड़ी आज्ञा कौन-सी है?” येशु ने उस से कहा, “ ‘अपने प्रभु परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण हृदय, सम्पूर्ण प्राण और सम्पूर्ण बुद्धि से प्रेम करो।’ यह सब से बड़ी और पहली आज्ञा है। दूसरी आज्ञा इसी के सदृश है : ‘अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।’
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