उनके जाने के बाद प्रभु का दूत यूसुफ को स्वप्न में दिखाई दिया और यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश भाग जाइए। जब तक मैं आप से न कहूँ, वहीं रहिए; क्योंकि हेरोदेस इस बालक को मरवा डालने के लिए इस को ढूँढ़ने वाला है।” यूसुफ उठा और उसी रात बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र देश चला गया। वह हेरोदेस की मृत्यु तक वहीं रहा, जिससे नबी के मुख से प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो जाए : “मैंने मिस्र देश से अपने पुत्र को बुलाया।” हेरोदेस को यह देख कर बहुत क्रोध आया कि ज्योतिषियों ने मुझे धोखा दिया है। उसने सिपाहियों को भेजा और बेतलेहम तथा उसके आसपास के गाँवों में उन सभी बालकों को मरवा डाला, जो ज्योतिषियों से पता लगाए समय के अनुसार दो वर्ष के या उससे कम आयु के थे। तब नबी यिर्मयाह का यह कथन पूरा हुआ : “रामाह में रुदन और दारुण विलाप सुनाई दिया। राहेल अपने बच्चों के लिए रो रही है, और अपने आँसू किसी को पोंछने नहीं देती, क्योंकि वे अब नहीं रहे।” राजा हेरोदेस की मृत्यु के बाद प्रभु का दूत मिस्र देश में यूसुफ को स्वप्न में दिखाई दिया और यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को ले कर इस्राएल देश चले जाइए, क्योंकि जो बालक के प्राण लेना चाहते थे, वे अब मर चुके हैं।” यूसुफ उठा और बालक तथा उसकी माता को लेकर इस्राएल देश चला आया। किन्तु जब उसने सुना कि अरखिलाउस अपने पिता हेरोदेस के स्थान पर यहूदा प्रदेश में राज्य कर रहा है, तब वह वहाँ जाने से डर गया और स्वप्न में चेतावनी पा कर गलील प्रदेश चला गया। वहाँ वह नासरत नामक नगर में जा कर बस गया। इस प्रकार नबियों का यह कथन पूरा हुआ : “वह नासरी कहलाएगा।”
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