फरीसी और सदूकी येशु के पास आए। उन्होंने येशु की परीक्षा लेने के लिए उन से निवेदन किया, “आप हमें स्वर्ग का कोई चिह्न दिखाइए।” येशु ने उत्तर दिया, “शाम को तुम लोग कहते हो, ‘मौसम अच्छा रहेगा, क्योंकि आकाश लाल है।’ सबेरा होने पर कहते हो, ‘आज आँधी आएगी, क्योंकि आकाश लाल और बादलों से घिरा हुआ है।’ तुम लोग आकाश के लक्षण तो पहचान लेते हो, पर समय के लक्षण नहीं पहचान सकते। यह दुष्ट और व्यभिचारिणी पीढ़ी एक चिह्न ढूँढ़ती है, परन्तु नबी योना के चिह्न को छोड़ कर इसे और कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा।” और येशु उन्हें छोड़ कर चले गये।
शिष्य झील के उस पार पहुँचे। वे अपने साथ रोटियाँ लाना भूल गये थे। इसलिए जब येशु ने उन से कहा, “देखो, फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहना” तो वे आपस में कहने लगे, “हम रोटियाँ नहीं लाए, इसलिए यह ऐसा कह रहे हैं।” यह जान कर येशु ने उन से कहा, “अल्पविश्वासियो! तुम यह क्यों सोचते हो कि हमारे पास रोटियाँ नहीं हैं। क्या तुम अब तक नहीं समझते? क्या उन पाँच हजार लोगों के लिए पाँच रोटियाँ तुम्हें याद नहीं हैं? और तुम ने रोटियों से भरी कितनी टोकरियाँ एकत्र की थीं? और उन चार हजार लोगों के लिए सात रोटियाँ, और तुम ने कितने टोकरे इकट्ठे किए थे? तुम क्यों नहीं समझते कि मैंने रोटियों के बारे में यह नहीं कहा, बल्कि फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहने को कहा है।” तब शिष्य समझ गये कि येशु ने रोटी के खमीर से नहीं, बल्कि फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से सावधान रहने को कहा था।
जब येशु कैसरिया-फिलिप्पी प्रदेश में आए तब उन्होंने अपने शिष्यों से पूछा, “मानव पुत्र कौन है, इस विषय में लोग क्या कहते हैं?” शिष्यों ने उत्तर दिया, “कुछ लोग कहते हैं, योहन बपतिस्मादाता; कुछ कहते हैं, नबी एलियाह और कुछ लोग कहते हैं, नबी यिर्मयाह अथवा नबियों में से कोई एक नबी।” इस पर येशु ने कहा, “और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?” सिमोन पतरस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, आप जीवन्त परमेश्वर के पुत्र हैं।” इस पर येशु ने उससे कहा, “सिमोन, योना के पुत्र! तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है। मैं तुम से कहता हूँ कि तुम ‘पतरस’ अर्थात् ‘चट्टान’ हो और इस ‘चट्टान’ पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊंगा और अधोलोक के फाटक इस पर प्रबल नहीं हो पाएँगे। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा। जो कुछ तुम पृथ्वी पर बाँधोगे वह स्वर्ग में बंधा रहेगा। और जो कुछ पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुला रहेगा।” तब येशु ने अपने शिष्यों को कड़ी चेतावनी दी, “तुम किसी को भी यह नहीं बताना कि मैं मसीह हूँ।”