मत्ती 13:44-53

मत्ती 13:44-53 HINCLBSI

“स्‍वर्ग का राज्‍य खेत में छिपे हुए खजाने के सदृश है, जिसे कोई मनुष्‍य पाता है और छिपा देता है। तब वह उमंग में जाता और अपना सब कुछ बेच कर उस खेत को खरीद लेता है। “फिर, स्‍वर्ग का राज्‍य उस व्‍यापारी के सदृश है जो उत्तम मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्‍य मोती मिला तब उसने जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस मोती को मोल ले लिया। “फिर, स्‍वर्ग का राज्‍य समुद्र में डाले हुए उस जाल के सदृश है, जो हर तरह की मछलियाँ बटोर लाता है। जाल के भर जाने पर मछुए उसे किनारे खींच लेते हैं। तब वे बैठ कर अच्‍छी मछलियाँ चुन-चुन कर टोकरियों में जमा करते हैं और खराब मछलियाँ फेंक देते हैं। संसार के अन्‍त में ऐसा ही होगा। स्‍वर्गदूत आकर धर्मियों में से दुष्‍टों को अलग करेंगे और उन्‍हें आग के कुण्‍ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोएँगे और दाँत पीसते रहेंगे। “क्‍या तुम लोग ये सब बातें समझ गये?” शिष्‍यों ने उत्तर दिया, “जी हाँ।” येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्‍येक शास्‍त्री, जो स्‍वर्ग के राज्‍य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्‍थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्‍तुएँ निकालता है।” येशु इन दृष्‍टान्‍तों को समाप्‍त कर वहाँ से चले गये।