तब लोग एक अन्धें-गूँगे भूतग्रस्त मनुष्य को येशु के पास लाए। येशु ने उसे स्वस्थ कर दिया और वह गूँगा बोलने और देखने लगा। सब लोग आश्चर्य में पड़ कर यह कहने लगे, “कहीं यही तो दाऊद के वंशज नहीं हैं?” यह सुन कर फरीसियों ने कहा, “यह भूतों के नायक बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता है।”
येशु ने उनके विचार जान कर उन से कहा, “जिस राज्य में फूट पड़ जाए, तो वह उजड़ जाता है और जिस नगर या घर में फूट पड़ जाए, तो वह टिक नहीं सकता। यदि शैतान ही शैतान को निकालता है, तो उसके यहाँ फूट पड़ गयी है। तब उसका राज्य कैसे टिका रहेगा? यदि मैं बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता हूँ, तो तुम्हारे पुत्र किसकी सहायता से उन्हें निकालते हैं? इसलिए वे ही तुम लोगों का न्याय करेंगे। परन्तु यदि मैं परमेश्वर के आत्मा की सहायता से भूतों को निकालता हूँ, तो निस्सन्देह परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुँचा है।
“फिर, कौन मनुष्य किसी बलवान के घर में घुस कर उसकी सम्पत्ति लूट सकता है, जब तक वह उस बलवान को न बाँध ले? उसके बाद ही वह उसका घर लूट सकता है।
“जो मेरे साथ नहीं है, वह मेरे विरोध में है और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिखेरता है।
“इसलिए मैं तुम लोगों से कहता हूँ, मनुष्यों को सब पापों और ईशनिन्दा की भी क्षमा मिल जाएगी, परन्तु पवित्र आत्मा की निन्दा की क्षमा नहीं मिलेगी। जो कोई मानव-पुत्र के विरुद्ध कुछ कहेगा, उसे क्षमा मिल जाएगी; परन्तु जो पवित्र आत्मा के विरुद्ध बोलेगा, उसे क्षमा नहीं मिलेगी − न इहलोक में और न परलोक में।
“यदि तुम किसी पेड़ को अच्छा मानते हो, तो उसके फल को भी अच्छा मानो। अथवा यदि पेड़ को बुरा मानते हो, तो उसके फल को भी बुरा मानो; क्योंकि पेड़ तो अपने फल से पहचाना जाता है। साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है। अच्छा मनुष्य अपने अच्छे भण्डार से अच्छी वस्तुएँ निकालता है और बुरा मनुष्य अपने बुरे भण्डार से बुरी वस्तुएँ।
“मैं तुम लोगों से कहता हूँ − न्याय के दिन मनुष्यों को मुँह से निकली अपनी हर निकम्मी बात का लेखा देना पड़ेगा, क्योंकि तुम अपनी ही बातों से निर्दोष या दोषी ठहराए जाओगे।”
तब कुछ शास्त्री और फरीसी संप्रदाय के लोग येशु से बोले, “गुरुवर! हम आपके द्वारा प्रस्तुत कोई चिह्न देखना चाहते हैं।” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यह दुष्ट और व्यभिचारिणी पीढ़ी चिह्न ढूँढ़ रही है, परन्तु नबी योना के चिह्न को छोड़ कर इसे और कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा। जिस प्रकार योना तीन दिन और तीन रात मच्छ के पेट में रहा, उसी प्रकार मानव-पुत्र भी तीन दिन और तीन रात पृथ्वी के गर्भ में रहेगा। न्याय के दिन नीनवे महानगर के निवासी इस पीढ़ी के साथ खड़े होंगे और इसे दोषी ठहराएँगे, क्योंकि उन्होंने योना का संदेश सुनकर पश्चात्ताप किया था, और देखो, यहाँ वह है, जो योना से भी महान है। न्याय के दिन दक्षिण की रानी इस पीढ़ी के साथ खड़ी होगी और इसे दोषी ठहराएगी; क्योंकि वह सुलेमान की बुद्धिमत्तापूर्ण बातें सुनने के लिए पृथ्वी के सीमान्तों से आयी थी, और देखो, यहाँ वह है, जो सुलेमान से भी महान है!
“जब अशुद्ध आत्मा किसी मनुष्य से निकल जाती है, तो वह विश्राम की खोज में सूखे स्थानों में भटकती फिरती है; किन्तु उसे विश्राम नहीं मिलता। तब वह कहती है, ‘जहाँ से मैं आयी हूँ वहीं अपने उसी घर वापस जाऊंगी।’ लौटने पर वह उस घर को खाली, झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया हुआ पाती है। तब वह जाकर अपने से भी बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है और वे उस घर में प्रवेश कर वहीं बस जाती हैं। इस तरह उस मनुष्य की यह पिछली दशा पहली से भी बुरी हो जाती है। ऐसा ही इस दुष्ट पीढ़ी के साथ होगा।”
येशु लोगों को उपदेश दे रहे थे कि उनकी माता और भाई आए। वे घर के बाहर थे और उनसे मिलना चाहते थे। किसी ने येशु से कहा, “देखिए, आपकी माता और आपके भाई बाहर हैं। वे आप से बात करना चाहते हैं।” येशु ने उससे कहा, “कौन है मेरी माता? कौन हैं मेरे भाई?” और हाथ से अपने शिष्यों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, “देखो, ये हैं मेरी माता और मेरे भाई! क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”