मत्ती 12:1-7

मत्ती 12:1-7 HINCLBSI

येशु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्‍यों को भूख लगी और वे बालें तोड़-तोड़ कर खाने लगे। यह देख कर फरीसियों ने येशु से कहा, “देखिए, जो काम विश्राम के दिन करना मना है, आपके शिष्‍य वही कर रहे हैं।” येशु ने उनसे कहा, “क्‍या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उसके साथियों को भूख लगी, तो दाऊद ने क्‍या किया था? उसने परमेश्‍वर के भवन में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ भेंट की रोटियाँ खायीं, जिनका खाना उसके और उसके साथियों के लिए मना था। भेंट की रोटियाँ केवल पुरोहित खा सकते थे। “अथवा क्‍या तुम लोगों ने मूसा की व्‍यवस्‍था में यह नहीं पढ़ा कि पुरोहित विश्राम के दिन मन्‍दिर में विश्राम के नियम का उल्‍लंघन करने पर भी दोषी नहीं होते? “मैं तुम से कहता हूँ; यहाँ वह है, जो मन्‍दिर से भी महान है। ‘मैं बलिदान नहीं, बल्‍कि दया चाहता हूँ’ − यदि तुम लोगों ने इस कथन का अर्थ समझ लिया होता, तो निर्दोष को दोषी नहीं ठहराते