मत्ती 10:9-42

मत्ती 10:9-42 HINCLBSI

“अपनी थैली में सोना, चाँदी या पैसा नहीं लो। रास्‍ते के लिए न झोली, न दो कुरते, न जूते, और न लाठी लो; क्‍योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। “जिस किसी नगर या गाँव में प्रवेश करो, तो पता लगाओ कि वहाँ कौन सुपात्र है और विदा होने तक उसी के यहाँ ठहरो। घर में प्रवेश करते समय उसे शान्‍ति की आशिष दो। यदि वह घर योग्‍य है, तो अपनी शान्‍ति उस पर रहने दो। यदि वह घर योग्‍य नहीं है, तो अपनी शान्‍ति अपने पास लौट आने दो। यदि कोई तुम्‍हारा स्‍वागत न करे और तुम्‍हारी बातें न सुने, तो उस घर या उस नगर से निकलने पर अपने पैरों की धूल झाड़ दो। मैं तुम से सच कहता हूँ − न्‍याय के दिन उस नगर की दशा की अपेक्षा सदोम और गमोरा नगरों की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी। “देखो, मैं तुम्‍हें भेड़ियों के बीच भेड़ों की तरह भेज रहा हूँ। इसलिए साँप की तरह चतुर और कपोत की तरह निष्‍कपट बनो। “मनुष्‍यों से सावधान रहो। वे तुम्‍हें धर्मसभाओं के हाथ में सौंप देंगे और अपने सभागृहों में तुम्‍हें कोड़े लगाएंगे। तुम मेरे कारण शासकों और राजाओं के सामने पेश किये जाओगे, जिससे मेरे विषय में तुम उन्‍हें और गैर-यहूदियों को साक्षी दे सको। “जब वे तुम्‍हें पकड़वाएँ तब यह चिन्‍ता नहीं करना कि तुम कैसे बोलोगे और क्‍या कहोगे; क्‍योंकि जो शब्‍द तुमको कहने होंगे वे उस समय तुम्‍हें दिये जाएँगे। क्‍योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो, बल्‍कि तुम्‍हारे पिता का आत्‍मा है, जो तुम्‍हारे द्वारा बोलता है। भाई अपने भाई को मृत्‍यु के लिए सौंप देगा और पिता अपनी सन्‍तान को। सन्‍तान अपने माता-पिता के विरुद्ध उठ खड़ी होगी और उन्‍हें मरवा डालेगी। मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे, किन्‍तु जो अन्‍त तक सहता रहेगा, उसे मुक्‍ति मिलेगी। “जब वे तुम्‍हें एक नगर में सताएँ, तो तुम दूसरे नगर में भाग जाना। मैं तुम से सच कहता हूँ, तुम इस्राएल देश के सब नगरों का भ्रमण समाप्‍त भी नहीं कर पाओगे कि मानव पुत्र आ जाएगा। “न शिष्‍य गुरु से बड़ा होता है और न सेवक अपने स्‍वामी से। शिष्‍य के लिए अपने गुरु-जैसा और सेवक के लिए अपने स्‍वामी-जैसा बन जाना ही बहुत है। यदि लोगों ने घर के स्‍वामी को बअलजबूल कहा है, तो वे उसके घर वालों को क्‍या कुछ नहीं कहेंगे? “इसलिए उन से नहीं डरो। ऐसा कुछ भी गुप्‍त नहीं है, जो प्रकाश में नहीं लाया जाएगा और ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है, जो प्रकट नहीं किया जाएगा। जो मैं तुम से अंधेरे में कहता हूँ, उसे तुम उजाले में सुनाओ। जो तुम्‍हें कानों में कहा जाता है, उसे तुम छतों पर से पुकार-पुकार कर कहो। “उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किन्‍तु आत्‍मा को नहीं मार सकते; बल्‍कि उससे डरो, जो शरीर और आत्‍मा, दोनों को नरक में नष्‍ट कर सकता है। “क्‍या एक पैसे में दो गौरैयाँ नहीं बिकतीं? फिर भी तुम्‍हारे पिता के जाने बिना उन में से एक भी धरती पर नहीं गिरती। तुम्‍हारे तो सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। इसलिए नहीं डरो। तुम बहुत गौरैयों से बढ़ कर हो। “जो मुझे मनुष्‍यों के सामने स्‍वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्‍वर्गिक पिता के सामने स्‍वीकार करूँगा और जो मुझे मनुष्‍यों के सामने अस्‍वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्‍वर्गिक पिता के सामने अस्‍वीकार करूँगा। “यह न समझो कि मैं पृथ्‍वी पर शान्‍ति ले कर आया हूँ। मैं शान्‍ति नहीं, बल्‍कि तलवार ले कर आया हूँ। मैं पुत्र और पिता में, पुत्री और माता में, बहू और सास में फूट डालने आया हूँ। मनुष्‍य के शत्रु उसके घर के लोग ही होंगे। “जो पुत्र अपने पिता या अपनी माता को मुझ से अधिक प्रेम करता है, वह मेरे योग्‍य नहीं। जो पिता अपने पुत्र या अपनी पुत्री को मुझ से अधिक प्रेम करता है, वह मेरे योग्‍य नहीं। जो शिष्‍य अपना क्रूस उठा कर मेरा अनुसरण नहीं करता, वह मेरे योग्‍य नहीं। जो मनुष्‍य अपना प्राण बचाए हुए है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खो चुका है, वह उसे बचाएगा। “जो तुम्‍हारा स्‍वागत करता है, वह मेरा स्‍वागत करता है और जो मेरा स्‍वागत करता है, वह उसका स्‍वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है। जो नबी का इसलिए स्‍वागत करता है कि वह नबी है, वह नबी का पुरस्‍कार पाएगा और जो धर्मी का इसलिए स्‍वागत करता है कि वह धर्मी है, वह धर्मी का पुरस्‍कार पाएगा। “जो कोई इन छोटों में से किसी को शिष्‍य मान कर केवल कटोरा भर ठंडा पानी पिलाएगा, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह अपना पुरस्‍कार कदापि नहीं खोएगा।”