लूकस 9:37-43

लूकस 9:37-43 HINCLBSI

दूसरे दिन जब वे पहाड़ से उतरे, तब एक विशाल जनसमूह येशु से मिलने आया। उस में एक मनुष्‍य ने पुकार कर कहा, “गुरुवर! आप से मेरी यह प्रार्थना है कि आप मेरे पुत्र पर कृपादृष्‍टि करें। वह मेरा एकलौता पुत्र है। उसे एक आत्‍मा लग जाया करती है, जिससे वह अचानक चिल्‍ला उठता है। वह इसे ऐसा मरोड़ती है कि यह मुँह से झाग डालने लगता है। वह इसे क्षत-विक्षत करती है और बड़ी कठिनाई से इसको छोड़ती है। मैंने आपके शिष्‍यों से उसे निकालने की प्रार्थना की, परन्‍तु वे ऐसा नहीं कर सके।” येशु ने उत्तर दिया, “अविश्‍वासी और भ्रष्‍ट पीढ़ी! मैं कब तक तुम्‍हारे साथ रहूँगा और तुम्‍हें सहता रहूँगा? अपने पुत्र को यहाँ लाओ।” लड़का पास आ ही रहा था कि भूत उसे भूमि पर पटक कर मरोड़ने लगा, किन्‍तु येशु ने अशुद्ध आत्‍मा को डाँटा और लड़के को स्‍वस्‍थ कर उसके पिता को सौंप दिया। परमेश्‍वर का यह प्रताप देख कर सब भौचक्‍के हो गये। सब लोग येशु के समस्‍त कार्यों को देख कर अचम्‍भे में पड़ जाते थे; किन्‍तु उन्‍होंने अपने शिष्‍यों से कहा

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