लूकस 9:1-17

लूकस 9:1-17 HINCLBSI

येशु ने बारह प्रेरितों को एक साथ बुलाया और उन्‍हें सब भूतों और रोगों को दूर करने की शक्‍ति और अधिकार प्रदान किया। तब येशु ने उन्‍हें परमेश्‍वर के राज्‍य का संदेश सुनाने और रोगियों को स्‍वस्‍थ करने भेजा। उन्‍होंने उन से कहा, “रास्‍ते के लिए कुछ भी न लो−न लाठी, न झोली, न रोटी, न रुपया। अपने पास दो-दो कुरते भी न रखो। जिस घर में प्रवेश करो वहीं रहो और वहीं से विदा हो। यदि लोग तुम्‍हारा स्‍वागत न करें, तो उनके नगर से निकलने पर उनके विरुद्ध प्रमाण के लिए अपने पैरों से धूल झाड़ दो।” प्रेरित चले गये और सब कहीं शुभ समाचार सुनाते तथा लोगों को स्‍वस्‍थ करते हुए गाँव-गाँव भ्रमण करने लगे। शासक हेरोदेस इन सब बातों की चर्चा सुन कर असमंजस में पड़ गया; क्‍योंकि कुछ लोग कहते थे कि योहन मृतकों में से जी उठे हैं। कुछ कहते थे कि नबी एलियाह प्रकट हुए हैं और कुछ कहते थे कि प्राचीन नबियों में से कोई नबी पुनर्जीवित हो गया है। हेरोदेस ने कहा, “योहन का तो मैंने सिर कटवा दिया था। फिर यह कौन है, जिसके विषय में मैं ऐसी बातें सुन रहा हूँ?” और वह येशु से मिलने की चेष्‍टा करने लगा। प्रेरितों ने लौट कर येशु को बताया कि उन लोगों ने क्‍या-क्‍या किया है। येशु उन्‍हें अपने साथ ले कर बेतसैदा नगर की ओर एकांत में चले गये, किन्‍तु लोगों को इसका पता चल गया और वे भी उनके पीछे हो लिये। येशु ने उनका स्‍वागत किया, परमेश्‍वर के राज्‍य के विषय में उनको बताया और जिन्‍हें रोगमुक्‍त होने की आवश्‍यकता थी, उनको स्‍वस्‍थ किया। अब दिन ढलने लगा था। इसलिए बारह प्रेरितों ने उनके पास आ कर कहा, “लोगों को विदा कीजिए, जिससे वे आसपास के गाँवों और बस्‍तियों में जा कर रहने और खाने का प्रबन्‍ध कर सकें। क्‍योंकि यहाँ तो हम निर्जन स्‍थान में हैं।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “तुम लोग ही उन्‍हें भोजन दो।” उन्‍होंने कहा, “हमारे पास तो केवल पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं। क्‍या आप चाहते हैं कि हम स्‍वयं जा कर इन सब लोगों के लिए भोजन खरीदें?” वहाँ लगभग पाँच हजार पुरुष थे। येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “लगभग पचास-पचास के झुण्‍ड में उन्‍हें बैठा दो।” उन्‍होंने ऐसा ही किया और सब को बैठा दिया। तब येशु ने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं और आकाश की ओर आँखें उठा कर उन पर आशिष माँगी। फिर उन्‍हें तोड़ा और अपने शिष्‍यों को दिया ताकि वे उन्‍हें लोगों को परोसें। सब ने खाया और खा कर तृप्‍त हो गये, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरियाँ भर गईं।