लूकस 8:22-39

लूकस 8:22-39 HINCLBSI

एक दिन येशु अपने शिष्‍यों के साथ नाव पर चढ़े और उनसे बोले, “आओ, हम झील के उस पार चलें।” वे चल पड़े। जब नाव चली जा रही थी तब येशु सो गये। इसी बीच झील में झंझावात उठा। नाव में पानी भरने लगा और वे संकट में पड़ गये। शिष्‍यों ने येशु के पास आ कर उन्‍हें जगाया और कहा, “स्‍वामी! स्‍वामी! हम डूब रहे हैं!” येशु उठे और उन्‍होंने वायु तथा लहरों को डाँटा। वे थम गयीं और शान्‍ति छा गयी। तब उन्‍होंने अपने शिष्‍यों से कहा, “तुम्‍हारा विश्‍वास कहाँ है?” उन पर भय छा गया और वे अचम्‍भे में पड़ कर आपस में कहने लगे, “न जाने यह कौन हैं? यह वायु और लहरों को भी आज्ञा देते हैं और वे इनकी आज्ञा मानती हैं।” वे नाव से उतर कर गेरासेनियों के प्रदेश में पहुँचे, जो झील के उस पार गलील प्रदेश के सामने है। येशु ज्‍यों ही भूमि पर उतरे, उस नगर का एक भूतग्रस्‍त मनुष्‍य उनके पास आया। वह बहुत दिनों से कपड़े नहीं पहनता था और घर में नहीं, बल्‍कि कबरों में रहा करता था। वह येशु को देख कर चिल्‍ला उठा और दण्‍डवत् कर ऊंचे स्‍वर से बोला, “येशु! सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के पुत्र! मुझ से आप को क्‍या काम? मैं आप से विनती करता हूँ, मुझे न सताइए”; क्‍योंकि येशु अशुद्ध आत्‍मा को उस मनुष्‍य से निकल जाने का आदेश दे रहे थे। भूत उसे बार-बार पकड़ लेता था और वश में रखने के लिए लोग उसे जंजीरों और बेड़ियों से जकड़ देते थे; किन्‍तु वह अपने बन्‍धनों को तोड़ देता था और भूत उसे निर्जन स्‍थानों में ले जाया करता था। येशु ने उस से पूछा, “तेरा नाम क्‍या है?” उसने कहा, “सेना”, क्‍योंकि उस मनुष्‍य में बहुत-से भूत लग गए थे। वे येशु से अनुनय-विनय करने लगे कि वह उन को अथाह गर्त्त में जाने का आदेश न दें। वहाँ पहाड़ी पर सूअरों का एक बड़ा झुण्‍ड चर रहा था। उन्‍होंने येशु से विनती की कि वह उन्‍हें सूअरों में घुसने की अनुमति दें। येशु ने अनुमति दे दी। तब भूत उस मनुष्‍य से निकल कर सूअरों में जा घुसे और वह झुण्‍ड ढाल पर से झील की ओर झपटा और डूब कर मर गया। यह देख कर सूअर चराने वाले भाग गये और उन्‍होंने नगर तथा बस्‍तियों में इसकी खबर फैला दी। लोग यह सब देखने निकले। वे येशु के पास आये और यह देख कर भयभीत हो गये कि वह मनुष्‍य, जिसमें से भूत निकले थे, कपड़े पहने शान्‍त भाव से येशु के चरणों के समीप बैठा हुआ है। जिन्‍होंने यह सब अपनी आँखों से देखा था, उन्‍होंने लोगों को बताया कि किस तरह भूतग्रस्‍त मनुष्‍य स्‍वस्‍थ हुआ। तब गेरासेन के आसपास के सब लोगों ने येशु से यह निवेदन किया, “आप हमारे यहाँ से चले जाइए;” क्‍योंकि वे बहुत डर गए थे। येशु नाव पर चढ़ कर लौट गये। जिस मनुष्‍य से भूत निकले थे, वह येशु से विनती करने लगा, “मुझे अपने साथ रहने दीजिए”, पर येशु ने उसे विदा करते हुए कहा, “अपने घर लौट जाओ और लोगों को यह बताओ कि परमेश्‍वर ने तुम्‍हारे लिए क्‍या-क्‍या किया है।” वह चला गया और सारे नगर में प्रचार करने लगा कि येशु ने उसके लिए क्‍या-क्‍या किया है।