लूकस 22:1-38

लूकस 22:1-38 HINCLBSI

बेख़मीर रोटी का पर्व, जो पास्‍का (फसह) का पर्व कहलाता है, निकट आ रहा था। महापुरोहित और शास्‍त्री येशु को मार डालने का उपाय ढूँढ़ रहे थे, परन्‍तु वे जनता से डरते थे। उस समय शैतान ने यूदस [यहूदा] में प्रवेश किया। यूदस ‘इस्‍करियोती’ कहलाता था और उसकी गणना बारह प्रेरितों में होती थी। उसने महापुरोहितों और मन्‍दिर-आरक्षी के नायकों के पास जा कर उनके साथ यह परामर्श किया कि वह किस प्रकार येशु को उनके हाथ पकड़वा दे। वे बहुत प्रसन्न हुए और उसे धन देने को सहमत हो गए। यूदस ने भी वचन दिया और वह भीड़ की अनुपस्‍थिति में उनके हाथ येशु को पकड़वाने का अवसर ढूँढ़ने लगा। बेख़मीर रोटी का दिन आया, जब पास्‍का-पर्व के मेमने की बलि चढ़ाना आवश्‍यक था। येशु ने पतरस और योहन को यह कहकर भेजा, “जाओ, और हमारे लिए पास्‍का-पर्व के भोज की तैयारी करो ताकि हम उसे खा सकें।” उन्‍होंने येशु से पूछा, “आप क्‍या चाहते हैं? हम कहाँ उसकी तैयारी करें?” येशु ने उत्तर दिया, “नगर में प्रवेश करते ही तुम्‍हें एक मनुष्‍य मिलेगा, जो पानी से भरा घड़ा लिये जा रहा होगा। उसके पीछे-पीछे जाना और जिस घर में वह प्रवेश करे, उस घर के स्‍वामी से कहना, ‘गुरुवर ने आप से यह कहा है : ‘अतिथिशाला कहाँ है, जहाँ मैं अपने शिष्‍यों के साथ पास्‍का-पर्व का भोजन करूँगा?’ और वह तुम्‍हें ऊपर एक सजा-सजाया बड़ा कमरा दिखा देगा। वहीं तैयार करना।” वे चले गये। येशु ने जैसा कहा था, उन्‍होंने सब कुछ वैसा ही पाया और पास्‍का-पर्व के भोज की तैयारी की। जब समय हुआ तब येशु प्रेरितों के साथ भोजन करने बैठे और उन्‍होंने उन से कहा, “मैं कितना चाहता था कि दु:ख भोगने से पहले पास्‍का-पर्व का यह भोजन तुम्‍हारे साथ करूँ, क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ, जब तक यह परमेश्‍वर के राज्‍य में पूर्ण न हो जाए, मैं इसे फिर नहीं खाऊंगा।” इसके बाद येशु ने कटोरा लिया, धन्‍यवाद की प्रार्थना की और कहा, “इसे लो और आपस में बाँट लो; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ, आज से लेकर उस दिन तक मैं दाख का रस फिर नहीं पिऊंगा जब तक परमेश्‍वर का राज्‍य न आए।” येशु ने रोटी ली और धन्‍यवाद की प्रार्थना करने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्‍यों को दिया, “यह मेरी देह है, जो तुम्‍हारे लिए दी जा रही है। यह मेरी स्‍मृति में किया करो”। इसी तरह उन्‍होंने भोजन के बाद यह कहते हुए कटोरा दिया, “यह कटोरा मेरे रक्‍त द्वारा स्‍थापित नया विधान है। यह तुम्‍हारे लिए बहाया जा रहा है। “देखो, मेरा विश्‍वासघाती मेरे साथ है, और उसका हाथ मेज पर है। मानव-पुत्र तो, जैसा उसके लिए निश्‍चित किया गया है, चला जा रहा है; किन्‍तु धिक्‍कार है उस मनुष्‍य को, जो उसे पकड़वा रहा है!” वे एक दूसरे से पूछने लगे कि हम लोगों में कौन यह काम करने वाला है। शिष्‍यों में यह विवाद छिड़ गया कि हम में किस को सब से बड़ा समझा जाना चाहिए। येशु ने उन से कहा, “संसार में राजा अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और उनके अधिकारी ‘उपकारी’ कहलाना चाहते हैं। परन्‍तु तुम ऐसा न करना। जो तुम में बड़ा है, वह सब से छोटा-जैसा बने और जो नेता है, वह सेवक-जैसा बने। आखिर बड़ा कौन है−वह, जो मेज पर बैठता है अथवा वह, जो परोसता है? वही न, जो मेज पर बैठता है। परन्‍तु मैं तुम्‍हारे बीच में सेवक-जैसा हूँ। “तुम ही हो जो मेरे संकट के समय मेरा साथ देते रहे। जैसे मेरे पिता ने मेरे लिए एक राज्‍य ठहराया है; वैसे ही मैं तुम्‍हारे लिए ठहराता हूँ कि तुम मेरे राज्‍य में मेरी मेज पर खाओ-पियो और सिंहासनों पर बैठ कर इस्राएल के बारह कुलों का न्‍याय करो। “सिमोन! सिमोन! शैतान ने तुम लोगों को गेहूँ की तरह फटकने की माँग की है। परन्‍तु सिमोन, मैंने तुम्‍हारे लिए प्रार्थना की है, जिससे तुम्‍हारा विश्‍वास नष्‍ट न हो। समय आने पर जब तुम फिरो, तब अपने भाइयों को भी संभालना।” पतरस ने उनसे कहा, “प्रभु! मैं आपके साथ बन्‍दीगृह जाने और मरने को भी तैयार हूँ।” किन्‍तु येशु ने कहा, “पतरस! मैं तुम से कहता हूँ कि आज, मुर्गे के बाँग देने से पहले ही, तुम तीन बार यह अस्‍वीकार करोगे कि तुम मुझे जानते हो।” येशु ने शिष्‍यों से कहा, “जब मैंने तुम्‍हें बटुए, झोली और जूतों के बिना भेजा था, तब क्‍या तुम्‍हें किसी वस्‍तु की कमी हुई थी?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “किसी वस्‍तु की नहीं।” इस पर येशु ने कहा, “परन्‍तु अब जिसके पास बटुआ है, वह उसे ले ले और इसी प्रकार झोली भी। और जिसके पास नहीं है, वह अपना वस्‍त्र बेच कर तलवार खरीद ले; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ, यह अनिवार्य है कि धर्मग्रन्‍थ का यह लेख मुझ में पूर्ण हो : ‘वह कुकर्मियों में गिना गया।’ और जो कुछ मेरे विषय में लिखा है, वह अवश्‍य पूरा होगा।” शिष्‍यों ने कहा, “प्रभु! देखिए, यहाँ दो तलवारें हैं।” येशु ने उत्तर दिया, “यह पर्याप्‍त है।”