लूकस 12:22-31

लूकस 12:22-31 HINCLBSI

येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “इसलिए मैं तुम लोगों से कहता हूँ, चिन्‍ता मत करो−न अपने जीवन-निर्वाह की, कि हम क्‍या खाएँगे और न अपने शरीर की, कि हम क्‍या पहनेंगे; क्‍योंकि जीवन भोजन से और शरीर वस्‍त्र से बढ़ कर है। कौओं पर ध्‍यान दो। वे न तो बोते हैं और न काटते हैं; उनके न तो भण्‍डारगृह हैं, न खलियान। फिर भी परमेश्‍वर उन्‍हें खिलाता है। तुम पक्षियों से कहीं बढ़ कर हो। चिन्‍ता करने से तुम में से कौन अपनी आयु घड़ी भर भी बढ़ा सकता है? यदि तुम इतना छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो फिर दूसरी बातों की चिन्‍ता क्‍यों करते हो? “फूलों पर ध्‍यान दो। वे कैसे बढ़ते हैं! वे न तो श्रम करते हैं और न कातते हैं। फिर भी मैं तुम से कहता हूँ कि राजा सुलेमान भी अपने समस्‍त वैभव में उन में से किसी एक के समान विभूषित नहीं था। यदि परमेश्‍वर घास को, जो आज मैदान में है और कल आग में झोंक दी जाएगी, इस प्रकार पहनाता है, तो अल्‍पविश्‍वासियो! वह तुम्‍हें क्‍यों नहीं पहनाएगा? इसलिए तुम भी इस खोज में न रहो कि तुम क्‍या खाओगे अथवा क्‍या पीओगे, और न चिन्‍ता करो। इन सब वस्‍तुओं की खोज तो संसार की जातियाँ करती हैं। तुम्‍हारा पिता जानता है कि तुम्‍हें इनकी जरूरत है। इसलिए उसके राज्‍य की खोज में लगे रहो और ये वस्‍तुएँ भी तुम्‍हें मिल जाएँगी।

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