लूकस 11:14-32

लूकस 11:14-32 HINCLBSI

येशु एक भूत को जो गूँगा था, निकाल रहे थे। भूत के निकलते ही गूँगा मनुष्‍य बोलने लगा और लोग अचम्‍भे में पड़ गये। परन्‍तु उन में से कुछ ने कहा, “यह भूतों के नायक बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता है।” कुछ लोगों ने येशु की परीक्षा लेने के लिए उन से स्‍वर्ग का कोई चिह्‍न माँगा। परंतु येशु जानते थे कि वे क्‍या सोच रहे हैं। अत: येशु ने उन से कहा, “जिस राज्‍य में फूट पड़ जाती है, वह उजड़ जाता है और घर के घर ढह जाते हैं। यदि शैतान के यहाँ फूट पड़ गई हो, तो उसका राज्‍य कैसे टिका रहेगा? क्‍योंकि तुम कहते हो कि मैं बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता हूँ। यदि मैं बअलजबूल की सहायता से भूतों को निकालता हूँ, तो तुम्‍हारे पुत्र किसकी सहायता से उन्‍हें निकालते हैं? इसलिए वे तुम लोगों का न्‍याय करेंगे। परन्‍तु यदि मैं परमेश्‍वर की अंगुली से भूतों को निकालता हूँ, तो निस्‍संदेह परमेश्‍वर का राज्‍य तुम्‍हारे पास आ पहुँचा है। “जब बलवान मनुष्‍य हथियार बाँध कर अपने भवन पर पहरा देता है, तो उसकी धन-सम्‍पत्ति सुरक्षित रहती है। किन्‍तु यदि कोई उस से भी अधिक बलवान उस पर टूट पड़े और उसे हरा दे, तो जिन हथियारों पर उसे भरोसा था, वह उन्‍हें उससे छीन लेता और उसकी लूटी धन-सम्‍पत्ति को बाँट देता है। “जो मेरे साथ नहीं है, वह मेरे विरोध में है और जो मेरे साथ नहीं बटोरता, वह बिखेरता है। “जब अशुद्ध आत्‍मा किसी मनुष्‍य से निकल जाती है, तो वह विश्राम की खोज में सूखे स्‍थानों में भटकती फिरती है। विश्राम न मिलने पर वह कहती है, ‘जहाँ से मैं आई हूँ, वहीं अपने घर वापस जाऊंगी’। लौटने पर वह उस घर को झाड़ा-बुहारा और सजा-सजाया हुआ पाती है। तब वह जाकर अपने से भी अधिक बुरी सात आत्‍माओं को ले आती है और वे उस घर में प्रवेश कर वहीं बस जाती हैं। इस प्रकार उस मनुष्‍य की यह पिछली दशा पहली से भी अधिक बुरी हो जाती है।” येशु ये बातें कह ही रहे थे कि भीड़ में से कोई स्‍त्री उन्‍हें सम्‍बोधित करते हुए ऊंचे स्‍वर से बोल उठी, “धन्‍य है वह गर्भ, जिसने आप को धारण किया और धन्‍य हैं वे स्‍तन जिनका आपने पान किया है!” परन्‍तु येशु ने कहा, “किन्‍तु वे कहीं अधिक धन्‍य हैं, जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।” जब और भीड़ एकत्र होने लगी तब येशु कहने लगे, “यह दुष्‍ट पीढ़ी है। यह चिह्‍न माँगती है, परन्‍तु नबी योना के चिह्‍न को छोड़ इसे और कोई चिह्‍न नहीं दिया जाएगा। जिस प्रकार योना नीनवे महानगर के निवासियों के लिए एक चिह्‍न बन गया था, उसी प्रकार मानव-पुत्र भी इस पीढ़ी के लिए चिह्‍न बन जाएगा। न्‍याय के दिन दक्षिण देश की रानी इस पीढ़ी के लोगों के साथ खड़ी होगी और इन्‍हें दोषी ठहराएगी, क्‍योंकि वह सुलेमान की बुद्धि से परिपूर्ण बातें सुनने के लिए पृथ्‍वी के छोर से आयी थी, और देखो−यहाँ वह है, जो सुलेमान से भी महान् है! न्‍याय के दिन नीनवे के लोग इस पीढ़ी के साथ खड़े होंगे और इसे दोषी ठहराएँगे, क्‍योंकि उन्‍होंने योना का संदेश सुन कर पश्‍चात्ताप किया था, और देखो−यहाँ वह है, जो योना से भी बड़ा है!