लूकस 1:25-45

लूकस 1:25-45 HINCLBSI

“प्रभु ने समाज में मेरा कलंक दूर करने के लिए अब मुझ पर कृपा-दृष्‍टि की है।” छठे महीने स्‍वर्गदूत गब्रिएल परमेश्‍वर की ओर से, गलील प्रदेश के नासरत नामक नगर में एक कुँआरी के पास भेजा गया, जिसकी मंगनी राजा दाऊद के वंशज यूसुफ़ नामक पुरुष से हुई थी। उस कुँआरी का नाम मरियम था। स्‍वर्गदूत ने उसके पास आ कर उससे कहा, “प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री! प्रभु आपके साथ है।” वह इस कथन से बहुत घबरा गयी और मन में सोचने लगी कि इस प्रणाम का अर्थ क्‍या है। तब स्‍वर्गदूत ने उससे कहा, “मरियम! डरिए नहीं। परमेश्‍वर ने आप पर कृपा की है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, और एक पुत्र को जन्‍म देंगी और उसका नाम ‘येशु’ रखेंगी। वह महान होगा और सर्वोच्‍च परमेश्‍वर का पुत्र कहलाएगा। प्रभु परमेश्‍वर उसे उसके पूर्वज दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा। वह याकूब के वंश पर सदा-सर्वदा राज्‍य करेगा और उसके राज्‍य का अन्‍त कभी नहीं होगा।” मरियम ने स्‍वर्गदूत से कहा, “यह कैसे सम्‍भव होगा? क्‍योंकि मैं पुरुष को नहीं जानती।” स्‍वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्‍मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्‍च परमेश्‍वर का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा। इसलिए जो आप से उत्‍पन्न होगा, वह पवित्र होगा और परमेश्‍वर का पुत्र कहलाएगा। देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्‍बिनी एलीशेबा को भी पुत्र होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है; क्‍योंकि परमेश्‍वर के लिए कुछ भी असम्‍भव नहीं है।” मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपके कथन के अनुसार मेरे लिए हो।” तब स्‍वर्गदूत उसके पास से चला गया। उन दिनों मरियम उठी और पहाड़ी क्षेत्र में यहूदा प्रदेश के एक नगर को शीघ्रता से गई। उसने जकर्याह के घर में प्रवेश कर एलीशेबा का अभिवादन किया। ज्‍यों ही एलीशेबा ने मरियम का अभिवादन सुना, बच्‍चा उसके गर्भ में उछल पड़ा और एलीशेबा पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण हो गयी और ऊंचे स्‍वर से बोल उठी, “आप नारियों में धन्‍य हैं और धन्‍य है आपके गर्भ का फल! मुझे यह सौभाग्‍य कैसे प्राप्‍त हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आयीं? क्‍योंकि देखिए, ज्‍यों ही आपका प्रणाम मेरे कानों में पड़ा, बच्‍चा मेरे गर्भ में आनन्‍द के मारे उछल पड़ा। धन्‍य हैं आप, जिन्‍होंने यह विश्‍वास किया कि प्रभु ने आप से जो कहा, वह पूरा होगा!”