लेवीय व्‍यवस्‍था 19:9-18

लेवीय व्‍यवस्‍था 19:9-18 HINCLBSI

‘जब तुम अपनी भूमि की फसल काटोगे तब खेतों को पूरा का पूरा मत काटना, और न फसल की कटाई के पश्‍चात् सिल्‍ला बीनना। तुम अपने अंगूर-उद्यान के सब अंगूर तोड़कर उसको पूर्णत: झाड़ मत देना; और न अपने अंगूर-उद्यान के गिरे हुए फलों को बीनना। तुम उनको निर्धन और प्रवासी लोगों के लिए छोड़ देना। मैं प्रभु, तुम्‍हारा परमेश्‍वर हूँ। ‘तुम चोरी न करना। धोखा मत देना। एक-दूसरे से झूठ मत बोलना। तुम मेरे नाम से झूठी शपथ नहीं खाना; और इस प्रकार अपने परमेश्‍वर का नाम अपवित्र मत करना। मैं प्रभु हूँ। तुम अपने पड़ोसी पर अत्‍याचार मत करना, और न उसको लूटना। किसी मजदूर की मजदूरी रात से सबेरे तक तुम्‍हारे पास नहीं रहनी चाहिए। तुम बहरे को अपशब्‍द मत कहना, और न अन्‍धे के सम्‍मुख रोड़ा अटकाना, वरन् तुम परमेश्‍वर से डरना। मैं प्रभु हूँ। ‘तुम न्‍याय करते समय अन्‍याय मत करना। तुम न तो दरिद्र व्यक्‍ति का पक्ष लेना और न बड़े मनुष्‍य के सम्‍मुख झुकना, वरन् धार्मिकता से अपने देश-भाई अथवा बहिन का न्‍याय करना। तुम निन्‍दक के समान अपने लोगों में यहां-वहां निन्‍दा मत फैलाना, और न अपने पड़ोसी की हत्‍या के उदेश्‍य से घात लगाना। मैं प्रभु हूँ। ‘तुम अपने भाइयों अथवा बहिनों से हृदय में घृणा मत करना। तुम अपने देश-भाई अथवा बहिन को अवश्‍य समझाना। ऐसा न हो कि उसके कारण तुम्‍हें पाप का भार वहन करना पड़े। तुम अपने जाति-भाई-बहिनों से प्रतिशोध न लेना, और न उनके प्रति शत्रुता रखना, वरन् अपने पड़ोसी को अपने ही समान प्रेम करना। मैं प्रभु हूँ।

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