लेवीय व्‍यवस्‍था 19:32-37

लेवीय व्‍यवस्‍था 19:32-37 HINCLBSI

‘तुम आदर देने के लिए वृद्ध मनुष्‍य के सम्‍मुख खड़े होना, और वयोवृद्ध मनुष्‍य का सम्‍मान करना। तुम अपने परमेश्‍वर से डरना। मैं प्रभु हूँ। ‘यदि कोई प्रवासी तुम्‍हारे साथ तुम्‍हारे देश में निवास करता है तो तुम उस पर अत्‍याचार मत करना। तुम्‍हारे मध्‍य में निवास करने वाला प्रवासी व्यक्‍ति तुम्‍हारे लिए देशी भाई अथवा बहिन के सदृश होगा। तुम उससे अपने समान प्रेम करना; क्‍योंकि तुम भी मिस्र देश में प्रवासी थे। मैं प्रभु, तुम्‍हारा परमेश्‍वर हूँ। ‘तुम न्‍याय, पाप, तौल और मात्रा में अन्‍याय मत करना। तुम्‍हारे तराजू, बाट, किलो और लिटर सब ठीक-ठीक हों। मैं प्रभु, तुम्‍हारा परमेश्‍वर हूँ, जिसने तुम्‍हें मिस्र देश से बाहर निकाला है। तुम मेरी सब संविधियों और न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करना, और उन्‍हें व्‍यवहार में लाना। मैं प्रभु हूँ।’