फिर यहोशुअ ने रूबेन तथा गाद के वंशजों और मनश्शे गोत्र के आधे वंशजों से कहा, ‘जो आज्ञा प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्हें दी थी, उसको स्मरण करो। उन्होंने कहा था; “तुम्हारा प्रभु परमेश्वर तुम्हें एक विश्राम-स्थल दे रहा है। वह तुम्हें यह देश प्रदान कर रहा है।” तुम्हारी पत्नी, बच्चे और पशु यर्दन नदी के इस पार की भूमि पर रहेंगे, जो मूसा ने तुम्हें दी है। किन्तु तुम्हारे सब बलवान पुरुष शस्त्र उठाकर अपने जाति-भाई-बन्धुओं के आगे-आगे यर्दन नदी पार करेंगे, जब तक प्रभु तुम्हारे जाति-भाई-बन्धुओं को भी तुम्हारे सामान विश्राम-स्थल न दे। जब उस देश की भूमि पर, जो प्रभु परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहा है, उनका अधिकार हो जाएगा, तब तुम अपने अधिकार क्षेत्र में लौट आना। तुम इस भूमि पर अधिकार करना, जो प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्हें यहां यर्दन नदी के पूर्वी भाग में दी है।’ उन्होंने यहोशुअ को उत्तर दिया, ‘हम आपके सब आदेशों का पालन करेंगे। जहाँ-जहाँ आप हमें भेजेंगे, वहाँ-वहाँ हम जाएंगे। जिस प्रकार हम मूसा की बातें मानते थे, उसी प्रकार आप की बातें भी मानेंगे। शर्त केवल यह है: जैसे प्रभु परमेश्वर मूसा के साथ था वैसे वह आप के साथ भी हो। जो व्यक्ति आप के आदेश से विद्रोह करेगा, आपकी बातों को नहीं मानेगा, आपकी आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसको मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। केवल आप शक्तिशाली और साहसी हों!’
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