योएल 3:3-21

योएल 3:3-21 HINCLBSI

उन्‍होंने मेरे निज लोगों पर चिट्ठी डालकर उनको आपस में बांट लिया था। वे वेश्‍या से सम्‍भोग करते और उसके बदले में एक लड़का देते; वे शराब पीते, और उसका मूल्‍य एक लड़की देकर चुकाते थे। ‘ओ सोर और सीदोन नगर-राज्‍यो, ओ पलिश्‍तीन देश के पंच राज्‍यो! तुम्‍हारा मुझसे क्‍या सम्‍बन्‍ध? क्‍या तुम मेरे काम का प्रतिफल मुझे दोगे? यदि तुम मुझे मेरा प्रतिफल चुका रहे हो तो मैं अविलम्‍ब, तुरन्‍त, तुम्‍हारे सिर पर तुम्‍हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा। तुम मेरे मन्‍दिर का सोना-चांदी ले गए, तुमने मेरी बहुमूल्‍य वस्‍तुएं अपने मन्‍दिर में रख लीं। तुमने यहूदा प्रदेश और यरूशलेम नगर के निवासियों को यूनान देश के लोगों के हाथ में बेच दिया। तुमने उनके सीमा-क्षेत्र से उखाड़कर उन्‍हें बहुत दूर फेंक दिया। जिस देश में तुमने उन्‍हें बेचा है, वहां से मैं अब उन्‍हें उभाड़ूंगा, और यों तुम्‍हारे सिर पर तुम्‍हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा। मैं तुम्‍हारे पुत्रों और पुत्रियों को यहूदा प्रदेश के निवासियों के हाथ में बेचूंगा और वे उनको सुदूर राष्‍ट्र के हाथ में, शबाई राष्‍ट्र के हाथ में बेच देंगे, मुझ-प्रभु का यह सन्‍देश है।’ तुम राष्‍ट्रों में यह घोषित करो: ‘युद्ध की तैयारी करो, योद्धाओं को उत्तेजित करो। सैनिक एकत्र हों, और वे चढ़ाई करें। अपने हल की फालों से तलवार बनाओ, अपने हंसियों को भालों में बदलो। दुर्बल व्यक्‍ति भी यह कहे: “मैं योद्धा हूं।” ’ ओ चारों ओर की कौमो, अविलम्‍ब आओ। वहां एकत्र हो। हे प्रभु, अपने योद्धाओं को वहां ले जा। ‘कौमें अपने को उत्तेजित करें, वे यहोशापाट की घाटी में जाएं। वहां मैं न्‍याय-सिंहासन पर बैठूंगा, और चारों ओर की कौमों का न्‍याय करूंगा। फसल पक गई, उसको हंसिए से काटो। आओ, अंगूर का रस निकालने के लिए उनको रौंदो। अंगूर-कुण्‍ड मुंह तक भरे हैं। रस के मटके लबालब भरे हैं। उनके पाप के घड़े भी भर चुके हैं।’ निर्णय की घाटी में भीड़ की भीड़ जमा हो गई। निर्णय की घाटी में प्रभु का दिन समीप आ गया। सूर्य और चन्‍द्रमा काले पड़ गए! तारे बुझ गए! प्रभु सियोन पर्वत से हुंकार रहा है, वह यरूशलेम नगर से गरज रहा है। आकाश और पृथ्‍वी कांप उठे। प्रभु अपने निज लोगों का शरण-स्‍थल है। इस्राएली कौम का वह गढ़ है। ‘तब तुम्‍हें अनुभव होगा, कि मैं तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर हूं, और मैं अपने पवित्र पर्वत सियोन पर निवास करता हूं। यरूशलेम पवित्र नगर बनेगा, और उसके मार्ग से विदेशी कभी नहीं जा सकेंगे। ‘उस दिन यह घटना घटेगी : पहाड़ों से अंगूर-रस चूएगा, पहाड़ियों पर दूध की नदियां बहेंगी, यहूदा प्रदेश की बरसाती नदियां जल से भर जाएंगी। प्रभु के भवन से एक झरना फूटेगा, जो शिट्टीम घाटी को सींचेगा। मिस्र देश और एदोम देश ने यहूदा प्रदेश के निवासियों की हत्‍या की, उन्‍होंने उनके देश में निरपराध लोगों का खून बहाया, अत: मिस्र देश उजड़ जाएगा, एदोम देश निर्जन मरुस्‍थल हो जाएगा। पर यहूदा प्रदेश सदा आबाद रहेगा, पीढ़ी से पीढ़ी तक यरुशलेम नगर बसा रहेगा। जिन राष्‍ट्रों ने उनकी हत्‍या की है, उनसे मैं प्रतिशोध लूंगा, मैं उनकी हत्‍या के अपराध को क्षमा नहीं करूंगा।’ प्रभु सियोन पर्वत पर निवास करता है।