अय्‍यूब 1:1-5

अय्‍यूब 1:1-5 HINCLBSI

ऊत्‍स देश में एक मनुष्‍य रहता था। उसका नाम अय्‍यूब था। वह प्रत्‍येक दृष्‍टि से सिद्ध और निष्‍कपट था। वह परमेश्‍वर से डरता और बुराई से दूर रहता था। उसके सात पुत्र और तीन पुत्रियाँ थीं। उसके पास सात हजार भेड़ें, तीन हजार ऊंट, पाँच सौ जोड़ी बैल, पाँच सौ गदहियाँ और बहुत नौकर-चाकर थे। वह मनुष्‍य पूर्व देश के लोगों में सबसे अधिक अमीर था। अय्‍यूब के पुत्र बारी-बारी से एक-दूसरे के घर में जाकर भोज-उत्‍सव में सम्‍मिलित हुआ करते थे। वे सन्‍देश भेजकर अपनी तीनों बहिनों को भी भोज-उत्‍सव में खाने-पीने के लिए निमन्‍त्रित कर लिया करते थे। जब भोज-उत्‍सव के दिन समाप्‍त हो जाते, तब अय्‍यूब सन्‍देश भेजता और अपने पुत्रों को बुलवाकर उनको शुद्ध करता था। वह उनकी शुद्धि के लिए सबेरे उठता और अपने सात पुत्रों की गिनती के अनुसार, सात अग्‍नि-बलि चढ़ाता था, क्‍योंकि अय्‍यूब सोचता था, ‘यह हो सकता है कि मेरे पुत्रों ने पाप किया हो, और अपने हृदय में ईश-निन्‍दा की हो।’ अय्‍यूब प्रत्‍येक भोज-उत्‍सव पर हर बार ऐसा ही किया करता था।

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