“मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहम की सन्तान हो। फिर भी तुम मुझे मार डालने की ताक में रहते हो, क्योंकि मेरा वचन तुम्हारे हृदय में घर नहीं कर सका। मैंने अपने पिता के यहाँ जो देखा है, वही कहता हूँ और तुम लोगों ने अपने पिता से जो सुना है, वही करते हो।” उन्होंने उत्तर दिया, “हमारे पिता अब्राहम हैं।” इस पर येशु ने उन से कहा, “यदि तुम अब्राहम के वंशज होते, तो अब्राहम के सदृश कार्य करते। परन्तु तुम तो मुझे, अर्थात् ऐसे व्यक्ति को जिसने परमेश्वर से सुना हुआ सत्य तुम्हें बता दिया, मार डालने की ताक में रहते हो। अब्राहम ने ऐसा नहीं किया। तुम तो अपने पिता के कार्य कर रहे हो।” उन्होंने येशु से कहा, “हम व्यभिचार से पैदा नहीं हुए। हमारा एक ही पिता है और वह परमेश्वर है।”
येशु ने उन से कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम करते, क्योंकि मैं परमेश्वर से निकला और यहाँ आया हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ, मुझे उसी ने भेजा है। तुम मेरी बातें क्यों नहीं समझते? कारण यह है कि तुम वचन सहन नहीं कर सकते।
“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्भ से ही हत्यारा था। वह सत्य पर स्थिर नहीं रहता, क्योंकि उसमें सत्य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्वभाव के अनुसार बोलता है; क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है। मैं सत्य बोलता हूँ, इसलिए तुम मुझ पर विश्वास नहीं करते। तुम में से कौन मुझ पर पाप का दोष लगा सकता है? यदि मैं सत्य बोलता हूँ, तो तुम मुझ पर विश्वास क्यों नहीं करते? जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर के वचन सुनता है। तुम लोग इसलिए नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो।”
यहुदी धर्मगुरुओं ने येशु से कहा, “क्या हमारा यह कहना ठीक नहीं कि तुम सामरी हो और तुम में भूत है?” येशु ने उत्तर दिया, “मुझ में भूत नहीं है। मैं अपने पिता का आदर करता हूँ, पर तुम मेरा अनादर करते हो मैं अपना सम्मान नहीं चाहता। एक है जो चाहता है, और वही न्याय करता है। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।”
धर्मगुरुओं ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम में भूत है। अब्राहम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो, ‘यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।’ क्या तुम हमारे पिता अब्राहम से भी महान् हो? वह मर गये और नबी भी मर गये। तुम अपने को समझते क्या हो?”
येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं स्वयं अपना सम्मान करता, तो उस सम्मान का कोई महत्व नहीं होता। मुझे सम्मानित करने वाला मेरा पिता है, जिसे तुम अपना परमेश्वर कहते हो, यद्यपि तुम उसे नहीं जानते− पर मैं उसे जानता हूँ। यदि मैं कहता कि उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी तरह झूठा बन जाता। किन्तु मैं उसे जानता हूँ और उसके वचन का पालन करता हूँ। तुम्हारे पूर्वज अब्राहम यह जान कर उल्लसित हुए कि वह मेरा दिन देखेंगे और वह उसे देख कर आनन्दविभोर हुए।”
धर्मगुरुओं ने उन से कहा, “अभी तुम पचास वर्ष के भी नहीं, और तुम अब्राहम को देख चुके हो!” येशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : अब्राहम के जन्म लेने के पहले से ही मैं हूँ।” इस पर लोगों ने येशु को मारने के लिए पत्थर उठाये, किन्तु वह छिपकर मन्दिर से निकल गये।